मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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September 23, 2011

हिंदी ब्लोगिंग के एलीट ब्लोगर

हिंदी ब्लोगिंग के एलीट ब्लोगर की संख्या कम हैं लेकिन हैं जरुर । एक हैं जो कहीं कमेन्ट नहीं देते आज कल । जब देते थे तब कुछ ब्लॉग को छोड़ कर बाकी सब जगह वर्तनी की अशुद्धियाँ सुधारा करते थे । अब हिंदी में ब्लोगिंग करनी हैं तो यही टोटका हैं दूसरो के ब्लॉग पर जाओ और वर्तनी सुधारो । महान काम करो और दिखाओ तुम एलीट हो , हिंदी के ज्ञानी हो और दूसरे जमीन पर गिरे पड़े लोग हैं बेचारे हिंदी ब्लोगिंग में आगये और तुम्हारी हिंदी को बिगाड़ रहे हैं । ख़ैर अगर किसी को ब्लोगिंग का मतलब स्कूल मास्टरी लगती हैं तो क़ोई बात नहीं ये माध्यम अभिवयक्ति की स्वतंत्रता का हैं ।

आज कल ये एलीट ब्लोगर कहीं कमेन्ट नहीं करते । क्यूँ करे एक के अलावा किसी का लेखन इस लायक ही नहीं हैं की वो पढ़ सके । कभी अपने ब्लॉग पर प्रेम पत्र लिखते रहे तो कभी किस्सा कहानी , अच्छी हिंदी में , अब हिंदी अच्छी हैं उनकी तो वो क्यूँ कहीं जाए , हमारे यहाँ तो कभी भूल कर भी दर्शन नहीं देते । क़ोई बात नहीं ये भी उनका अधिकार हैं आपत्ति नहीं की जा सकती ।

ब्लॉग जगत के सबसे छिछले लम्बे प्रकरण में अपनी भूमिका पर हमेशा चुप्पी साधे रहते हैं और जिन के साथ चैट पर उस प्रसंग की शुरुवात की गयी उसको दरकिनार करके हमेशा ब्लॉग जगत में होती उठा पटक पर अपनी लम्बी लम्बी पोस्टो में दूसरे ब्लोगर को प्रवचन देते रहते हैं की किस पोस्ट को क्या समझो ।

एक जगह लिख दिया अपनी पोस्ट में किसी के बारे में की इंग्लिश ब्लोगिंग में होते तो आप को क़ोई ना पूछता , पढ़ कर सोचा की भाई आप को कितने पूछ रहे हैं इंग्लिश ब्लोगिंग में ।
दूसरी जगह लिखा विवाहिता को ब्लोगिंग छोड़ कर अपने घर परिवार को देखना चाहिये , लीजिये इतने विवाहित पुरुष हैं जो ब्लोगिंग में सुबह से शाम तक पोस्ट पर पोस्ट देते हैं जब उनके घर परिवार सही चल रहे हैं तो विवाहिता के भी चल ही रहे होगे ।

मुझे एक बात समझ नहीं आयी की जब आप इतने एलीट हैं की किसी के ब्लॉग पर जाकर कमेन्ट करना नहीं चाहते तो हर मुद्दे , विवाद पर जो ब्लॉग जगत में होते हैं उस पर अपनी पोस्ट देकर क्यूँ हम गवारो के बीच में अपनी जहीन हिंदी को लेकर अपनी बहुमूल्य राय देते हैं

ये कुत्ता बिल्ली चूहा कबूतर इत्यादि जब व्यक्तिगत चैट पर जहीन लोग लिखते हैं तो वो कितने जहीन हैं और उनकी हिंदी कितनी जहीन हैं खुद पता चल जाता हैं । पर्दे के पीछे बैठ कर ऊँगली पर डोरी बाँध कर हिंदी ब्लोगिंग का जितना सत्यानाश हो सकता था हो चुका है । आप जितनी हिंदी सुधार सकते थे आप सुधार चुके । जिनके आप मित्र हैं उनके ब्लॉग पर जितना विष आप उगल सकते थे कमेन्ट में आप उगल चुके । अब बस नहीं कर सकते तो पूरी बात खुल कर दर्ज करिये , उस पहले चैट से लेकर आज तक । हिम्मत है तो खुल कर कहिये हाँ मै भी हिस्सा हूँ ।

नये ब्लॉग बन रहे हैं , नये लोग आ रहे हैं वो अपनी पसंद का पढ़ रहे हैं उनको क्रोनोलोजी नहीं पता हैं और वो ये भी नहीं जानते की कौन एलीट हैं और कौन गवार हैं और कैसे एलीट और गवार मिलकर सूत्रधार हैं और हर बार बच निकलते हैं ।

सो अगर आप इतने एलीट ही की कहीं जाना और कमेन्ट करना आप को नहीं सुहाता और आप महज हिंदी की सेवा के लिये यहाँ हैं तो हम जैसो के ऊपर टंच ना कसे और नये लोगो के साथ हम को हिंदी ब्लोगिंग के मजे लेने दे ।

हमे हिंदी ना आती हो ना सही हमे दूसरो को आंकलित करना ना आता हो ना सही पर कम से कम हम आम आदमी की तरह अपनी बात को कहने में हिचकते नहीं हैं

दूसरो के घर में अगर आप झाँक कर और अपने घर में पहुच कर दूसरो को प्रवचन देते हैं तो वो गॉसिप होता हैं और प्रवचन तभी अच्छा होता है जब आप खुद दूध के धुले हो । इन्टरनेट में हर चैट और लिंक सुरक्षित होता हैं।



कमेन्ट शाम को पुब्लिश होगे हो सकता हैं ना भी हो हो सकता हैं पहले हो जाये

अपडेट
जो लोग कमेन्ट में ये कह रहे हैं गोल मोल बात ना करे नाम ले वो कृपा कर सब जगह जा कर नाम लेकर पोस्ट लिखने का आग्रह करे
मैने ये यही आकर सीखा हैं
और मै वो क़ोई भी कमेन्ट नहीं छापूँगी जिसमे किसी का भी नाम होगा क्युकी जब मेरे ऊपर बिना नाम लेकर क़ोई लिखता हैं तो मुझे भी अधिकार हैं अपने हिसाब से लिखने का
मुझे सीख ना दे नहीं चाहिये , प्रवचन भी नहीं जो जिस खेमे में हैं जरुर रहे ,,मेरा रेफरेंस क़ोई भी दे नाम के साथ दे मै वही करुगी नहीं देगा उसकी मर्ज़ी

11 comments:

  1. मजेदार और काम की चिट्ठी।

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  2. जी पूरी तरह सहमत..

    हर शख्स अपनी तस्वीर को बचाकर निकले,
    ना जाने किस मोड पर किस हाथ से पत्थर निकले।

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  3. हम जैसो के ऊपर टंच ना कसे और नये लोगो के साथ हम को हिंदी ब्लोगिंग के मजे लेने दे ।

    वैसे तो हम भी हिंदी के मूर्धन्य ज्ञानी नही हैं पर यहां "टंच" शब्द की जगह "तंज" हो तो कैसा रहे?:)

    रामराम.

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  4. baap re....bahut jhor kaa dhakkaa aapne dheere se maaraa hai...ismen ham bhi shamil ho lete hain....!!

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  5. kayi chezen dekhi aapke blog par...sab ki sab lagbhag aisa hi dhakkaa sa deni vaali....baap re baap aap to gazab hi kiye hue ho...!!

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  6. सवाल ये है की इन्हें एलिट मान कौन रहा है दूसरे उनकी टिप्पणी बक्सा बंद देख समझा जा सकता है की वो प्रतिक्रियाओ से कितने डरे हुए है उन्हें भी अच्छे से पता है की उनकी बातो का जवाब समुचित रूप से दिया जा सकता है जो उन पर उलटा पड़ सकता है सो जब जरुरत हो तो टिप्पणी बक्सा खुला और जब पता है की टिप्पणिया उलटी मिलेगी तो बक्सा बंद दूसरो को प्रवचन देने वाले खुद भी उसका पालन नहीं करते है |

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  7. मुझे तो इतनी गहरी बातें समझ में आती नहीं हैं। साफ साफ नाम के साथ लिखा हो तो समझें भी। वैसे भी मैं तो अपने स्‍वास्‍थ्‍य की रिपेयर में जुटा हुआ हूं और मुझे यह भी यकीन है कि इस पोस्‍ट से मेरा बहुत दूर का भी संबंध नहीं है। हां हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग में हूं इसलिए जुड़ाव तो है ही।

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  8. कोई कितना ही ऐलीट होने का दिखावा कर ले,अगर उसे लगता है कि विवादों को एक बार भडकाकर अलग हो तमाशा देखेगा और बाद में न्यायप्रिय बन प्रवचन देगा तो अब ये संभव नहीं है.ये एलीटपना दोगलेपन को छुपा नहीं सकता.

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  9. लाजवाब जानकारी दी है जी...

    अपना-अंतरजाल

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  10. आपका ब्लॉग वास्तव में बहुत मजेदार हे कभी टाइम मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी पधारे ! मेरा ब्लॉग तकनिकी और ghyan से रिलेटेड हे एक बार जरुर पधारे !

    http://hiteshnetandpctips.blogspot.com

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