मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

December 23, 2008

" मै ये फ़िल्म नहीं देखूंगी " क्युकी शायद मै इसी तरह विद्रोह कर सकती हूँ ।

आमिर खान बाल काट रहे हैं । इस ख़बर मे इतना दम था की पूरा दिन हर न्यूज़ चैनल इसका सीधा प्रसारण करता हैं । काफी खोजने की कोशिश की , कि पता चले क्या मकसद हैं इस "बाल काटने का " । क्या वो इस काम को करके किसी चैरिटी के लिये पैसा इकठा कर रहें थे ? या केवल और केवल अपने फ़िल्म के प्रमोशन के लिये ये काम कर रहे थे । लगा शायद केवल फ़िल्म प्रमोशन ही था { कुछ और मकसद हो और किसी को पता हो तो मेरी भ्रान्ति दूर कर दे } ।
ये एक विदेशी प्रचलन हैं कि प्रमोशन किया जाए किसी भी काम का लेकिन उसके पीछे कोई मकसद हो यानी किसी चैरिटी के लिये पैसा इकठा करना या किसी कि मद्दत के लिये अपने सेलिब्रिटी स्टेटस को भुनाना हो । हमारे यहाँ विदेशी को कॉपी करने का प्रचलन हैं पर उनकी सही और अच्छी बात को नहीं केवल और केवल उस बात को जिस से अपना और सिर्फ़ अपना फायदा होता हैं

आमिर खान जैसे व्यक्ति जब ये काम करते हैं और मीडिया उसको पूरा दिन दिखाती हैं तो मन मे यही आता हैं " मै ये फ़िल्म नहीं देखूंगी " क्युकी शायद मै इसी तरह विद्रोह कर सकती हूँ । हो सकता हैं मेरी आवाज किसी तक ना पहुचे पर मेरी असहमति दर्ज होगी मेरे अंतर्मन मे ।

दूसरी तरफ़ अक्षय कुमार भी मशाल ले कर दौडे उसी दिन जिसको "flame of hope" कहा गया जो २००९ Special Olympics World Winter Games के लिये दिल्ली पहुँची थी. उन्होने उसदिन किसी फ़िल्म कि चर्चा नहीं कि और केवल और केवल खिलाड़ियों कि चर्चा कि और मीडिया को भी यही करने को कहा

4 comments:

  1. विरोध आमिर खान से है या उन्हे दिखाने वाले मिडिया से..

    मैं भी ये ही देख रहा था.. और हद तो ये थी कि स्टार न्युज इसको गलत बताने के लिये ३० मिनिट का प्रोग्राम कर रहा था.. और भाषा इस तरह कि थी जैसे बाल काटना कोई बहुत गन्दा काम हो..

    प्रमोशन, मिडिया ही कर सकता है.. सोचो यदि आमिर खान बाल काटे और किसी जगह कोई खबर न हो तो? शायद वो एक कटिंग ही करेगा..

    दोषी मिडिया है, जो बिना ’न्युज वेल्यु’ जाने कुछ भी दिखाता है.. बहिस्कार उन ’न्युज चैनल’ का करना चाहिये जो हमारे बाल जबरद्स्ती काट रहे है.

    हमने तो एसे चैनल चुन कर ’ब्लैक लिस्ट’ कर रखा है...

    ReplyDelete
  2. ranjan
    mera vidhroh aamir sae jyaada haen .

    ReplyDelete
  3. आपकी बात में दम है पर आमिर ने कई साल पहले खुले आम कहा था की वे मीडिया का इस्तेमाल करते है ....अपने प्रचार के लिये....तभी देखिये हर चैनल पर उनके इंटरव्यू है.....दरअसल ये एक चतुर कलाकार का प्रचार का तरीका है जो उसे मुफ्त में मिल रहा है.....इसमे मीडिया की गलती है.....कहाँ कैसे कितनी तवज्जो दे ये उसे निर्धारित करना है....शाहरुख़ इस खेल को बखूबी समझते है तभी तो पहले हफ्ते में ही इतना कोल्लेक्शन ले जाते है की अपनी लागत ओर मुनाफा वसूल कर लेते है....दरअसल ये दो तरफा समझौता है......दो प्रोफेसनल का...इसलिए आप इसे इतना गंभीरता से न ले .....वरना न्यूज़ देखना ही छोड़ देगी....

    ReplyDelete
  4. माफ़ कीजिये लेकिन मैं आपलोगों के मत से सहमत नही हूँ| इसमे पश्चिम कहाँ से आ गया? पुरा का पुरा सिनेमा कल्चर पश्चिम की देन है, आपकी शिकायत सिनेमा से होनी चाहिए थी|

    रही बात प्रमोशन करने की तो इसमे ग़लत क्या है? हम सभी चाहते हैं की हम जो काम कर रहे हैं उसे सराहा जाए| ये सब उस फ़िल्म को प्रमोट करने के लिए है, चाहे तो मीडिया न दिखाए| प्रश्न है मीडिया दिखाती क्यूँ है??क्यूंकि हम आप देखते हैं|

    अनुराग जी, शाहरुख़ ने हरेक न्यूज़ चॅनल को अपनी फ़िल्म रिलीज़ होने के वक्त इंटरव्यू दिया था मुंबई हमले पे बात की थी, उसे आप प्रमोशन नही कहेंगे?

    ये आमिर वही हैं जिन्होंने तारे जमीन पर जैसी सशक्त फ़िल्म बनाई थी, अगर प्रमोशन+आमिर फैक्टर नही होता तो ये फ़िल्म भी बाकी की कितनी ही फिल्म्स की तरह कचरे के ढेर पर पड़ी होती, हम और आप इसका नाम भी नही जान रहे होते|

    मेरे कहने का तात्पर्य यही है की हमें, आपको, सबको, मेजोरिटी को ये प्रमोशन पसंद आता है, इसलिए मीडिया दिखाती है ये करते हैं|

    ReplyDelete

Blog Archive