सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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bachcho ko mohara nahi banani chahiye logo ko........
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteसच कहा आपने। कुछ दो चार कमीने टाईप के लोग कुछ बच्चों को मोहरा बना रहे हैं और बच्चे समझ नही रहे हैं कि वो मोहरा बन रहे हैं। इसमे बनाने वालों की क्या गलती? मूर्ख तो बनने वाला है दुनिया तो मजे लेने के लिये ही बैठी है।
ReplyDeleteबेचारे बच्चे !!
ReplyDeletekya hua? zara vistar se batayen
ReplyDeletejagruk sawal
ReplyDeletesaarthak sawal
विस्तार से कहने के लिये कुछ नहीं हैं क्युकी
ReplyDeleteकहीं धर्म तो कही महजब आडे आता हैं
सच कहा आपने।!!
ReplyDeleteहम तो संदर्भ ही नहीं समझ पाये.
ReplyDeleteबात ऊपर से निकल गई !
ReplyDeleteकहीं आपका इशारा बच्चों को अगवा कर उनका मज़हब बदल कर ज़बर्ज़स्ती मदरसों में ब्रेनवाश करने वाले मामले की तरफ तो नहीं? इस घटना पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रो में अभी भी रोष व्याप्त है.
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