मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

June 16, 2009

ब्लोगिंग को वास्तविक दुनिया से ना मिलाये । क्युकी फिर आप भाग कर कहा जायेगे । ?

आप हिन्दी ब्लॉगर हैं । पर क्यूँ आप ने हिन्दी मे ब्लॉग करना शुरू किया ? क्या आप के लिये ब्लोगिंग एक ऐसी फ्री की स्पेस हैं जहाँ आप जो चाहे छापे कविता , कहानी या और भी बहुत कुछ कहीं ख़बर तो कहीं व्यंग तो कहीं ग़ज़ल तो कहीं ----। पर इस सब से भी ज़्यादा जरुरी हैं की क्या अपने ब्लोगिंग इस लिये शुरू की की आप को दोस्तों को जरुरत थी और यहाँ आप को वर्चुल दुनिया मे आभासी मित्र मिल गए । वर्चुअल दुनिया की छवि और वास्तविक दुनिया की छवि मे अन्तर होता हैं । जिस वास्तविक दुनिया से भाग कर आप इस वर्चुअल दुनिया मे आये , हिन्दी ब्लोगिंग मे आप ने उसी वास्तविक दुनिया को वापस खड़ा कर दिया हैं ।

बहुत कम लोग हैं जो जैसे वर्चुअल दुनिया मे हैं वैस ही वास्तविक दुनिया मे अन्यथा वास्तविक दुनिया की सच्चाई बहुत फरक हैं ।

जब भी आप किसी ब्लॉगर से वास्तविक दुनिया मे मिलगे तो आप को तैयार रहना होगा की आप को कभी भी चोट लग सकती हैं । इस लिये अपने परिवार मे किसी को भी बुलाने से पहले ध्यान दे की आप जिस को बुला रहे हैं उसको आप कितना जानते हैं ।

ब्लोगिंग को वास्तविक दुनिया से ना मिलाये । क्युकी फिर आप भाग कर कहा जायेगे


हिन्दी ब्लोगिंग मे कुछ लोग हमेशा mediator की भूमिका के लिये तैयार रहते हैं क्युकी इससे वो अपनी importance बनाए रहते हैं । लेकिन इन लोगो की सबसे बढिया बात ये हैं की ये दोनों तरफ़ से अच्छे बने रहते हैं । इनमे से कुछ ऐसे भी हैं जो हर नये ब्लॉगर के आते ही उसको पर्सनल मेल भेज कर उसका स्वागत करते हैं और फिर दो तीन मेल के बाद उसको बताते हैं किन ब्लॉग को पढो , किन ब्लॉग को मत पढो । इनके ग्रुप बहुत स्ट्रोंग हैं और ये निरंतर उस ग्रुप को बढ़ा कर हिन्दी ब्लोगिंग को अंदर से खोखला कर रहे हैं ।

यहाँ कोई बच्चा नहीं हैं पर यहाँ बार बार मेल और कमेन्ट मे ये बताया जाता हैं की सभ्यता और संस्कृति को ध्यान मे रख कर कमेन्ट करना चाहिये । जो आप से पहले ब्लॉग कर रहे हैं उनके प्रति झुके रहो । वरिष्ठता और कनिष्ठता का टैग लेकर लोग ब्लॉग कर रहे हैं ।


ब्लॉग लेखन को दोस्त { वास्तविक } बनाने का जरिए जब तक हम बनाते रहे गए तब तक निजता को लेकर कमेन्ट आते रहे गए । dispassionate होकर ब्लॉग लिखे बस केवल लिखने के लिये passion रहे

19 comments:

  1. मध्यस्त वाली बात पर गौर करना होगा, कहीं जाने अनजाने मध्यस्त तो नहीं बन रहा :(

    ब्लॉग मन की कह हल्का होने का सर्वोत्तम साधन है.

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  2. blog lagatar skriy rahne ka ek saral aur sahaj saadhan hai................
    bas anand lo iska..baaki baaton me kya rakha hai !

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  3. he bhagwaan ye na karein..wo bhee na karein..puraane bloggers ko kuchh na kahein..kyunki ve varisth hain..nayon ko bhee comment na karein......
    to karein kya jee..
    bas likhein..aur chupchaap baith jaayein..fir alge din kuchh likhne tak...

    haan yadi ko kisi ko ye bata raha hai ki use aisaa nahin waisa padhnaa likhnaa chaahiye to ye to us likhne aur padhne waale kee beech kee baat hai ham kya kahein..ham aisaa nahin karte..rahee tippnniyon mein shaaleentaa..sabhyataa..se likhne kee gujarish kee ...to rachnaa jee karnee padti hai..karne ke baad bhee log kahaan maante hain..

    vaise in panktiyon ko dekhein....

    स्वागत हैं हर विचार का जो नया रास्ता दिखा सके और उत्तर भी आप दे सकते हैं यहाँ आए प्रश्नों का । बस भाषा पर संयम ना खोये बाकी "नारी" सब झेल लेगी पर अपशब्द किसी के लिये लिखने हो तो इस ब्लॉग का इस्तमाल ना करे .अपशब्द सुन कर ही यहाँ तक का सफर तय किया है नारी ने पर अब अपशब्द नही ध्यान रहें नारी प्रतीक हैं शक्ति का .
    yahee koshish hai na koi anuchit na kahe..

    jahaan tak blogging kya hai ye to abhee bhee samajhne kee koshih chal hee rahee hai..,magar lagtaa hai jab tak samajh paaungaa..blogging chhodnee hee naa pad jaaye..

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  4. बाकियों के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन ब्लॉगिंग मेरे लिये अपने दिल की (देश, राष्ट्र, राष्ट्रधर्म, राजनैतिक अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, नकली सेकुलरिज़्म आदि) सम्बन्धी बातें इंटरनेट पर पहुँचाने का साधन है। भले ही यह दुनिया वर्चुअल हो या लगती हो, लेकिन किसी भी "विचार" को सम्प्रेषित करने का यह सबसे तीव्रगामी साधन है और ब्लॉग को मैं इसी रूप में लेता हूँ…। मुझे जो पसन्द होगा वह तो मैं पढ़ूँगा ही, लेकिन मुझे जो पसन्द नहीं है उसे भी पढ़ूंगा, ताकि पता तो चले कि सामने वाला किस लेवल तक जाता है, या जा सकता है। ब्लॉग लेखन मेरे लिये वर्चुअल दुनिया की मित्रता से कहीं अधिक है…

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  5. ब्लॉगिंग में कौन गंभीर है र किसे लिखास-छपास के उन्माद जकड़ रखा है यह प्रत्येक ब्लॉग की चंद आरंभिक पंक्तियों को पढ़ कर ज्ञात हो जाता है। हॉ यह सच है कि ब्लॉग दुनिया में भॉति-भॉति के लोग होते हैं परंतु लेखन के प्रति गंभीर लोगों की पहचान हमेशा अलग अहसास लिए होती है। वर्चुअल दुनिया तो वर्तमान की आवश्यकता भी है और मज़बूरी भी तथा यहॉ हादसे होते ही रहते है, जो संभल गया वो चल गया जो भटक गया उसकी फिर बात ही क्या करना। सामयिक विचार लगे किंतु विचारों में पूर्वाग्रह की झलक भी थी।

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  6. आज तो बडे गूढ और तथ्यात्मक विचारों वाली पोस्ट और टिपणियां हैं. आनंद आया. आभार.

    रामराम.

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  7. पसंद अपनी अपनी,खयाल अपना अपना।

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  8. जब कोई बच्चा है ही नहीं, तो यह सब भी क्यूँ समझाना?

    सब समझदार हैं और समझते भी हैं.

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  9. "Blogging " is unfiltered Freedom of expression. & a Virtual space of an individual or Group which is operated by REAL human beings.
    Courtsey, good will & good language is welcomed in Real world as well as in Virtual space.
    Take what you want & leave what you don't.
    It is that simple.
    warm rgds,
    - Lavanya

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  10. sameer
    ब्लॉग पर पोस्ट करने और किसी को मेल देकर
    समझाने मे शयद अंतर होता हैं क्युकी मेल मे हम
    पर्सनल होते हैं और ब्लॉग मे इम्पर्सनल

    मेल किसी व्यक्ति विशष के लिये होती जबकि
    ब्लॉग केवल और केवल एक पर्सनल डाईरी हैं
    सार्वजानिक स्थल पर

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  11. As a reader you may agree or disagree with the post on any Blog. But the comments on the post give you more views related to that subject. Those comments may support/oppose/addition to the post. Basically comment section should be a critical analysis of the subject matter of the post. However in Hindi Blogging comments section is used for support/oppose the writer/blogger and most of the time comments have no relation to the post/subject. If you review comments, you may find that atleast 2 out of 7 are worthless for other readers. They posted there comment since they want to be your friend/enemy/on your good book/on your bad book, but not adding any value to your post/blog. If we review any blogs/post with 100 or more comments, you may find 90% are worthless. As a Hindi blogger if you are concern about future of Hindi Blogging, you should pay more attention / respect to the comment section and while posting comment pay attention that you are adding some value to that post. As a blogger stop posting worthless comments on other hindi blogs/post. We are making hindi blogging like:- Pan ki Dukan ka Adda, Samantshahi Raja ki Gaddi jahaa par log salaam karane aate hai, mushayara/kavita sabha ka manch for wah....wah...wah. On one hand most of the hindi blogger claim that they are doing this to promot Hindi. However their action shows they are doing this for interneting (relationship building)/ to show off his higher cast or higher position / promoting personal business etc.
    I dont want to hurt anyone and this is for all hindi bloggers (not for you only Rachana)

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  12. dear mr. india..(no one can see you na )how can this hurts any hindi blogger..kyunki bhaiyaa itti angrejee aatee to english mein blogging karke note naa chhap rahe hote..khair hindi blogging kee taareef karne kaa shukriyaa..waise kya aap english mein blogging karte ho..jaahir hai kahaan is gareeb bhasha mein karoge..magar kya karein jee hain to ham bhaarteey wo english soch kaahaan se laayege..talented walee..

    chalte chalte ..yaar ye har baar aisee achhee achhee baatein ..anaam log hee de jaate hain..yaar itnaa samajh lete ho samjha lete ho ..koi achha sa naam kyun nahin rakhte..khali negative chipka dete ho...mujhe to jaisa laga likh diya ...ab rachna jee ko jaisaa lage wo bhee likh dein...

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  13. जिस वास्तविक दुनिया से भाग कर आप इस वर्चुअल दुनिया मे आये ....

    नहीं जी हम कही से भाग कर नहीं आये है ब्लॉग में
    वीनस केसरी

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  14. रचना,
    एक और सवाल भी है जिस पर मैं पिछले काफ़ी समय से सोच रहा हूँ। हिन्दी ब्लागिंग अपने विचारों को हिन्दी भाषा के माध्यम से व्यक्त करने का जरिया है अथवा केवल हिन्दी बोलने/पढने/सुनने वाले क्षेत्र से सम्बद्ध बातों पर विचार-विमर्श।

    बहुत बार देखा है कि कोई ऐसी बात जो हमारे कम्फ़र्ट जोन से बाहर की होती है उस पर संस्कृति/सभ्यता/समाज का ठप्पा लगाकर अप्रासंगिक सिद्ध करने की कोशिश होती है। अगर हिन्दी केवल भाषा है तो फ़िर किसी भी प्रकार के विचारों का स्वागत होना चाहिये बिना किसी पूर्वाग्रह के, आप सहमत हों कि न हों ये अलग बात है।

    मैं अपनी पढाई के सिलसिले में आजकल देश से बाहर हूँ और कई बार कुछ लिखना चाहता हूँ लेकिन फ़िर सोचता हूँ हिन्दी ब्लाग जगत पर लिखने से अच्छा अंग्रेजी में लिखूँ लेकिन अलग अंग्रेजी ब्लाग बनाने के आलस्य में छूट जाता है।

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  15. Dear Mr. Ajayji,
    I am not a Hindi Blogger and don't know how to type in Hindi. I am not an expert/writer/blogger of English language. I am not a writer. I am just a reader. I am not here to make friends or enemy. I posted my comment since the blog administrator allowed me to comment anonymous. I just tried to raise a point that if you pick any post on your own blog, you will find that comment section is at least 3-4 times bigger than original post. Most of the time it is 10-20 times bigger and especially when you have more than 100 comments it may be 30-40 times bigger than original post. And most of the comments are posted by other bloggers. But the writing skills / logical skills /analytical skills you show in your original post that doesn’t show up when you comment on other blogs. Since 99% of the comments are posted to show friendship or enmity. Those comments are not adding any value to the original post. Mr. Ajay you just review your own comment for me with cool mind, don’t you feel that shows some enmity. In your blogging world where recently a Blog deleted due to the legal threat, you are expecting I should disclose my identity. Are you crazy? Beside that, I just noticed that you on your own Blog allow anonymous comment than why you hate anonymous comment. What’s your problem man? Mr. Ajay your status is very high that’s why you are thinking I am Mr. India. No man, I am just a common man not even a Blogger.

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  16. कोई भी कमेन्ट लिख सकता हैं बस भाषा पर
    सयम रहे और अजय अनाम जो कह रहे हैं उसको
    समझे . किसी भी कमेन्ट पर जवाब देने से
    पहले कमेन्ट को पढ़ ले और हिंदी इंग्लिश से
    ऊपर उठ कर बात करे . हिंदी ब्लोगिंग हिंदी को
    प्रमोट करने के लिये नहीं हिंदी मे ब्लॉग करने
    के लिये बनी हैं और ब्लॉग का मतलब हैं
    एक पर्सनल डायरी जिसको हमने सार्वजानिक कर
    दिया हैं ताकि लोगो क्या सोचते हैं वो पता
    लगे मे ब्लोगिंग अपने विचारों मे
    इजाफा लाने के लिये करती हैं

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  17. dear...how i address you because neither you are my friend nor may enemy..even you says that you are not a blogger..it seems quite pleasant that only being a reader you have commented so vastly that it is more or less like a post.Thanks...

    Now , second thing...I read your comment again...nothing new ..found to provoke me think again..no question rises of any kind of enimity ..how can any one make friendship..enimity ..or any..view against ..invisible...You have said that the comments any blogger receives on his post..out of than maximum comments are use less...it may be according to your point of view..what one can do while commenting...just criticise him..just put your positvie-negative views...or if more pinched..use filthy language..will it be good ...?

    Now to disclose your identity...whats wrong with than dear..I myself is a common man..between of you...I feel more happy to debate..or to talk..or to listen,read you ...if I could know that with whom I am interacting..

    Rachna jee now coming to your point...its good that you have permitted this debate..and allowed these comments..although you have deleted many comments..despite its not-objectinable language ..and clear identitiy...but it seems that your direction is just to criticise and critise..
    There are two ways to deal with any wrong....
    either..explore new way to get it right...or just be a part of that..only to raise finger is the neutral and simplest way..

    I am not much experienced or skilled blogger..despite more or less I writes dozen of blogs in different languages..but my way is different..only to be aggressive is not the least I think it should...any way....

    It was good to be a part of this healthy debate..
    I think that rachna jee..I should all of yours post ..at least to understand your way...Thanks....

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  18. अजय हम सब अलग अलग परिस्थियों मे
    होते हैं और उन्ही से हमारी सोच बनती हैं
    आप को मेरी सोच गलत लग सकती हैं
    मुझे आप की इस मे नया क्या हैं हां फरक सिर्फ
    ये हैं की आप मेरे अधिकारों पर ऊँगली उठा
    रहे हैं . कमेन्ट रखना या डिलीट करना ब्लॉग
    मालिक का अधिकार हैं

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  19. अनाम मित्र आप का कमेन्ट मोदेराते कर दिया हैं
    क्युकी आप ने खुद वही किया जिसके लिये आप
    दुसरो को टोक रहे थे. यानी विषय से इतर
    टिपण्णी . मेरा ब्लॉग किसी के भी केस की
    कान्वैसिंग का जरिए नहीं हैं . आशा हैं आप मेरी
    बात को समझ गए होगे . आप अनाम के
    साथ लिखे या नाम के साथ बस विषय से ना
    भटके

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