मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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July 15, 2009

कुकुरमुत्ते ब्लॉगर साहित्यकार

हिन्दी ब्लॉग्गिंग के
बडे बडे पेडो के नीचे
पनप सकते हैं
बस कुकुकुरमुत्ते

जिनका जीवन काल
होता हैं कुछ पलो का
और फिर वो मर जाते हैं
वही उसी पेड के नीचे
खाद बन कर सड जाते हैं
और बड़ा पेड मुस्कुराता हैं
कि देखो हंसते हंसते
एक और को मै खा गया
यहाँ साहित्यकार बनने आया था
मैने ब्लॉगर भी ना रहने दिया

17 comments:

  1. कम शब्दों में सटीक सटाक्ष

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  2. सुंदर व्‍यंग्‍य कवि‍ता।

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  3. काश हिन्दी ब्लॉगिंग का उपवन खूब फले फूले.. यहां सभी तरह के वृक्ष-लताएं यथेष्ठ विस्तार पाएं..

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  4. सटीक व्‍यंग्‍य कवि‍ता...

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  5. अरे! आपको भी पता चल गया :-)

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  6. ताड़ने वाले कमाल की नज़रे रखते हैं :-) ..आशीष से सहमत.

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  7. gazab waah kya kamalkeh diya satik bhi.

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  8. कुकुरमुत्तो को भी मशरूम कह कर खपाया जा रहा है आजकल्।

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  9. अनिल सही कहा आपने , मशरूम की खेती हो
    रही हैं ताकि उनका इस्तमाल हो सके

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  10. लवली घने जंगल मे सर्प बहुत होगे सो तुम
    जाति प्रजाती खोजती रहना

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  11. एकदम सटीक निशाना!! उम्दा व्यंग्य.....

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  12. तुरंत बडे वालो को पकड कर कटाई छटाई कीजीये ताकी नीचे वालो को भी हवा आये .

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  13. ये तो नई खबर मालूम चली, आपका आभार!

    तभी मुझे ग्रोथ नहीं मिल पा रही है.

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