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September 17, 2011

बुरे वक्त को दावत ना दे

कल मोहमद अजहरुद्दीन के बेटे की मौत होगई । १९ साल का था । उसके ७ दिन पहले उसके १६ साल के कजिन भाई की मौत हुई ।

दोनों हैदराबाद में रिंग रोड पर स्पोर्ट्स बाइक चला रहे थे और उनकी बाइक फिसल गयी ।
बाइक की स्पीड १८० कम से ऊपर थी ।
पीछे बैठे १६ साल के बालक के सिर पर हेलमेट भी नहीं था
बाइक ७ दिन पहले ही खरीदी गयी थी और चलाने वाला प्रशिक्षित भी नहीं था

और सबसे बड़ी बात जिस सड़क पर बाइक चलाई जा रही थी वहाँ बाइक चलाना गैर क़ानूनी हैं

अजहरुदीन का अपना जीवन भी कानून तोड़ते ही बीता । चाहे फिर वो क्रिकेट हो जहां से उनको , उनकी मैच फिक्सिंग की आदत के चलते ना केवल बाएँ किया गया अपितु उनके नाम के सारे रिकोर्ड भी मिटा दिये गए । व्यक्तिगत जीवन में भी उन्होने अपनी पहली पत्नी को तलक दिया और फिर संगीता बिजलानी के साथ कुछ साल रहे और फिर एक और महिला के साथ ।
अपने बच्चो को भी शायद उन्होने कानून को ना मानने की ही सलाह दी होगी ।

इतनी महगी बाइक खरीद कर इतने कम उम्र के बच्चे को देना , बुरे वक्त को खुद आवाहन देना जैसे होगया ।

कितनी भी संवेदना मन में हो इन दोनों बच्चो की अकाल मृत्यु पर , लेकिन फिर भी एक ही बात लगती हैं की हमारे कर्म हमारे समाने इसी जनम में आ जाते हैं
स्वर्ग और नरक दोनों यही हैं और अपने कर्म की सजा हमको इसी जन्म में मिल जाती हैं
एक पिता और चाचा के लिये इस से ज्यादा दुःख देने वाला और क्या होगा

ॐ शांति शांति शांति

9 comments:

  1. रचना जी, अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के इलज़ाम लगे ज़रूर लेकिन कभी साबित नहीं हो पाए...

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  2. स्वर्ग और नरक दोनों यही हैं और अपने कर्म की सजा हमको इसी जन्म में मिल जाती हैं

    यही एक सबसे बड़ा सत्य है जी .

    विजय

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  3. स्वर्ग और नरक दोनों यही हैं और अपने कर्म की सजा हमको इसी जन्म में मिल जाती हैं

    यही एक सबसे बड़ा सत्य है जी .

    विजय

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  4. रचना जी,
    आपकी बातें सहीं है, पर मुझे लगता है कि ये बात कहने मौका थोडा गलत है।
    बिल्कुल अन्यथा मत लीजिएगा, मेरा आशय कही से भी आपको आहत करने का नहीं है।

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  5. जो गये वो लौट के ना आयेंगे।

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  6. आपने जो बात और मुद्दा उठाया है अकसर हम लोग सामाजिक शिष्टाचार के चलते उठाने से बचते हैं। लेकिन सच यही है कि श्री अज़हरुद्दीन जी अपने युवा पुत्र की मौत के सीधे गुनेहगार हैं!

    काश हम सब ऐसी दुखद घटनाओं से अपने आचरण और जीवन शैली के बारे में सोचें!

    सुन्दर, विचारपूर्ण आलेख!

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  7. 1000 CC की बाइक , प्रतिबन्धित क्षेत्र में वो भी बिना हेलमेट के |
    जब मौत का पूरा सामान पहले से ही इकठ्ठा कर लिया था तो मरना तो था ही |

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  8. http://premchand-sahitya.blogspot.com/

    यदि आप को प्रेमचन्द की कहानियाँ पसन्द हैं तो यह ब्लॉग आप के ही लिये है |


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