मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

January 31, 2009

मीठे झूठ को कड़वे सच से ज्यादा पसंद क्यूँ करते हैं ?

सच कड़वा होता हैं ? क्या इसीलिये सब सच बोलने से डरते हैं और अपने बच्चो को सब सच बोलने के लिये कहते हैं ? मीठे झूठ को कड़वे सच से ज्यादा पसंद क्यूँ करते हैं ?

7 comments:

  1. बहुत कठिन सवाल पूछ लिया है आपने ! कम ही उत्तर मिलने की उम्मीद है !

    साधु साधु !

    ReplyDelete
  2. जाहिर है मीठा है इसलिए

    ReplyDelete
  3. हम सचाई से भागते हैं और मीठे सपनों में खो जाना पसंद करते हैं, इसीलिये

    ReplyDelete
  4. This post has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  5. आपने ही तो कह दिया मीठा सामने हो , तो कोई कडवा क्‍यों लेगा ? झूठ ही सही...

    ReplyDelete
  6. ज़हर अगर मीठा भी हो उसे पीने से ....

    ReplyDelete
  7. लोगो को शायद आदत पड गई है, झुठ सुनने की ओर बोलने की, अपून तो इस बीमार से दुर है अब इसे यहां के सख्त कानून कह ले या यहां के समाज के नियम, यहां झुठ बहुत जल्द पकडा जाता है, इस लिये शायद अब आदत होगी है या कह लो मजबुरी मै ही सच वोलना पडता है, ओर जिस का फ़ल कई बार भुगतना भी पडा है भारत मे ही.

    एक बात अगर आप सच बोलते है तो झुठे को बहुत जल्द पहचान जाते हॊ. यह एक लाभ,
    दुसरा लाभ सच बोलने वाले को बार बार सोचना नही पडता,

    ReplyDelete

Blog Archive