मेरा कमेन्ट http://sarathi.info/archives/2132#comment-6581 मोदेरेशन मे चलागया हैं सो यहाँ दे रही हूँ
इस आलेख मे किये गए comparison
चाहे बंद कारखानों के कर्मचारी हों, रेगिंग करने वाले हों, स्त्री-मुक्ति के वक्ता हों, अल्पसंख्यक हों, या और किसी प्रकार से “संख्यक” हों, हरेक का दावा है कि संविधान उनको कानूनी तौर पर जो आजादी देता है उसका हनन हो रहा है। यहां तक कि अपने सामने जो कोई पड गया उसको निर्दयता से गोली मार देने वाला पकिस्तानी अज़मल कसाब भी अब धृष्टता से अपने जीने के “हक” की मांग कर रहा है.
पर मेरी आपति दर्ज की जाए ।
कसाब एक आतंकवादी हैं और उसके समानान्तर किसी को भी रखना केवल और केवल एक विद्रूप मानसिकता हैं ।
अभी बहुत से ताली बजाने वाले ब्लोग्ग्रे यहाँ आकार तली बजा कर अपना कर्तव्य पूरा करेगे उससे पहले मे भारतीये संविधान मे दिये गए अधिकार और कर्तव्य का पालन करते हुआ अपनी आपति दर्ज कराती हूँ । ग़लत को मानना भी ग़लत होना ही होता हैं ।
जो लोग वाह वाही करने और ताली बजाने आये वो ज़रा संविधान पढ़ भी ले , मैने पढ़ा हैं।
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
May 02, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
-
▼
2009
(166)
-
▼
May
(22)
- मेरे कैमरे से सूरज और चाँद
- मेरे कैमरे से
- ब्लागस्पाट के ब्लॉग पर फोटो आपके कैमरे...
- हो सकता हैं आप को ये जानकारी पहले से ही पता हो फिर...
- मुझे तो "रचना" ही कहे ,
- तो लगा की शायद मैने नब्ज पर सही जगह हाथ रखा ।
- फोस्सिल ""Ida"
- नयी दिशा नया आयाम
- हिन्दी ब्लोगिंग मे एक "कल्ट" बिल्कुल ओब्सिलीट हो ...
- ब्लोगिंग मे २५ स्टाईल प्रचलित हैं
- एक परिवार हैं हिन्दी ब्लोगिंग सही हैं पर हम सब कर...
- मन मे आ रहा हैं की काश अपनी बंधी हुई सोच को बदल कर...
- क्या हिन्दी मे सच मे "ब्लोगिंग" होती हैं ?
- आज वरुण का जन्म दिन हैं वरुण कौन ?? अरे मीनू का बे...
- हिन्दी ब्लोगिंग के खंडहर
- ब्लॉगर कार्यशाला इंतज़ार बदसतूर जारी हैं
- आदित्य और उसकी नानी को आप की साहयता की जरुरत हैं ,
- श्री रबिन्द्रनाथ टैगोर जन्म दिन और गूगल
- आप भी पढिये इस ख़बर को
- इस पोस्ट पर कमेन्ट करने कि सुविधा नहीं हैं ।
- एक प्रश्न
- सारथी ब्लॉग पर आंतकवादी से आम जनता का comparison
-
▼
May
(22)
वाह, आपके कारण वहाँ जाकर पढ़ आई। गजब की तुलना है। वैसे लगता है कसाब की गोलियों में वह मारक शक्ति नहीं है जो पिन्क चड्ढियों में है। अब तक तिलमिलाहट शेष है!
ReplyDeleteघुघूती बासूती
मेम थैंक्स यहाँ कमेन्ट देने के लिये । सुबह ही पढ़ा , मन इतना खिन्न हुआ की कह नहीं सकती । एक आम भारतीये नागरिक अगर संविधान मे दिये गये अधिकार की बात करता हैं तो उसको कसाब से मिलाना कहां की ब्लॉग्गिंग हैं ?? और जो लोग उस साईट पर जा कर तालियाँ बजाते हैं वो कंटेंट शायद पढ़ते ही नहीं या वो सब भी "चलता हैं " को मानते हैं
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट के ज़रिए उसे पढ़ा। बेहद ही बेतुकी तुल्ना लगी।
ReplyDeleteDipti thanks for your comment . you also found it disgusting
ReplyDelete