सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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June 06, 2009
छात्र खुश अध्यापक ना खुश ।
इस वर्ष से दिल्ली विश्व विद्यालय टीचर्स के लिये भी समय सारणी हो यानि ८.३० से ४.३० की नौकरी इस वर्ष के सत्र से आरम्भ और अगले सत्र यानी २०१०-२०११ से सेमिस्टर प्रणाली लागू । छात्र खुश अध्यापक ना खुश ।
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यह तो गजब हुआ ।
ReplyDeletewish you all the best
ReplyDeleteइन आलसियों से काम की उम्मीद बेकार है. बातें भले कितनी ही बना लें.. हाँ इन में से केवल ५% ही अपना काम करते हैं, बाकी दूसरों का भविष्य बर्बाद करते हैं.
ReplyDeleteareyyyyy jahan chatr khush wahin adhyap bhi....
ReplyDeletekam se kam unka result to accha ayega ji..
अक्षय-मन
बस टाइम-शेड्युल जारी कर देने से क्या होगा...क्लास भी तो लें!!!
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