मेरा कमेन्ट
जन लोक पाल बिल और लोकपाल बिल का अंतर क़ोई कहीं विस्तार से दे ताकि बात खुले
भ्रष्टाचार का मुद्दा बिलकुल सही
अन्ना का तरीका सही या गलत अभी निर्णय देने में मानसिक उह पोह
कारण हो सकता हैं यही तरीका सही हो क्या पता
लेकिन मुझे ये सही नहीं लगता की जिस देश की संसद में ५०० से ऊपर लोग हो उस देश के कानून और सामाजिक व्यवस्था का काम १० लोगो से भी कम की सिविल सोसाइटी करे . वो दस लोग जो कहे मान लिया जाये
गाँधी जी जब करते थे अनशन तो वो सविनय अवज्ञा आन्दोलन था , एक विदेशी सरकार के कानून को तोडना और इसके लिये वो सजा से नहीं डरते थे . उनका मानना था की ब्रिटिश हुकूमत जाए और हम अपने कानून बनाये वो कानून तोड़ कर हुकूमत के खिलाफ थे वो कानून के खिलाफ नहीं थे . कानून तोडने की सजा सालो जेल में रह कर उन्होने काटी थी
अन्ना और उनके सिविल सहयोगी कानून का पालन नहीं करना चाहते
वो कानून से भी बड़े हैं क्युकी वो जो कहे वो ही सही हैं
वो जेल में हैं क्युकी धारा १४४ का पालन नहीं हुआ
अगर धारा १४४ लगाना गलत हैं तो ये नियम भी संसद से ही पास करवाना होगा
और अगर वो सही हैं तो उस नियम का पालन तो करना ही होगा
अन्ना को जेल भेजने का निर्णय बेहद घटिया था
पहले भी बहुत बार गिरफ्तारियां हुई हैं रैलियों में पर सब को कहीं दूर ले जा कर छोड़ दिया जाता हैं
आज फैशन की तरह अन्ना का नाम लिया जा रहा जो नेता नहीं ले रहा यानी वो भ्रष्टाचारी हैं
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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अन्ना का नाम फ़ैशन की तरह नहीं,
ReplyDeleteआज की मजबूरी बन गया है इस देश की,
ऐसी मजबूरी जो शायद-शायद ही खत्म हो सके?
http://www.box.net/shared/l5okarpc3l3btzk6ore8
ReplyDeletehttp://www.box.net/shared/z5i6ozaz7p5uz1xh0lm6
लेकिन अन्ना को तो घर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। क्या जे पी पार्क या जहां धारा 144 लागू है/थी वहां पहुँचने पर अरेस्ट नहीं किया जाना चाहिये था। और किरण बेदी को राजघाट से
प्रणाम
अन्तर सोहिल
ReplyDeleteअन्ना को जेल भेजने का निर्णय बेहद घटिया था
अन्ना हजारे की टीम में अब २२ से ज्यादा लोग है ये पुरा बिल उनका ही नहीं है उन्होंने काफी समय पहले ही उसे अपनी वेबसाईट पर डाल दिया था और आम लोगों से कहा था की आप सभी उसे पढ़े और जिसके पास जो भी सुझाव है उसे वहा दे | हजारो सुझाव इस बिल पर उन्हें मिले जिनमे से तीन हजार से ज्यादा आम लोगों द्वारा दिये सुझावों को माना गया और इस बिल को जिसे आज पास करने के लिए कहा जा रहा है उनमे २४ संसोधन किये गये | फिर आप इसे केवल पांच लोगों का बिल कैसे कह सकती है यदि आप के पास इतना क्षमता और जानकारी है तो आप भी अपने सुझाव वहा दे सकती है यदि वो व्यावहारिक और अच्छे हुए तो वो भी उसमे शामिल किया जायेगा फिर आप भी इस बिल का निर्माण करने वालो में एक होंगी |
ReplyDeleteAgree with Anshumala ji ... I have read complete bill, It was open to change on any suggestion with proper discussion from any Indian.
ReplyDeleteAnna is really not a fashion, and we are not in the support of Anna, we are against corruption and supporting our(Mind It) Real JAN LOKPAL BIL. This bil has powers that is why government is so terrified with this.
Jai Hind
And one more thing Anna ji ko jail bhejne ka decision bilkul ghatiya nahi tha, if it was taken by the Delhi police under any law.
ReplyDeleteBut it is shameful for us if all decisions are governed by one person like Rahul Gandhi or any political party in place of law.
Arresting Anna for 7 days, then release in 13 hours shows Delhi police is governed by some other force not by law. And that is
Wrong.
It is my humble request for you Rachna ji and All pf you to know about the main gifferences about Sarkari Lokpal bil and Jan Lokpal Bil
ReplyDeleteVisit this link : सरकारी लोकपाल और जन लोकपाल में प्रमुख अंतर