और आप ये भी भूल गए नैतिकता केवल एक तरफ़ा होती हैं यानी अपने लिये एक , समाज के लिये

आप अच्छाई को परिभाषित करदे , नैतिकता का पैमाना बता दे गुट अपने आप बन जाएगा और जुडने वाले जुड़ जायेगे
आप ने आज तक कभी भी किसी को ये कहते सुना हैं की " मै गलत हूँ , मै गन्दा/ गन्दी हूँ । "
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