सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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are rachana ji ...kyo ladwaane ka kaam kar diya .....jiska n likha wahi naraaj ho jaega....
ReplyDeleteभाई समीर लाल "उड़नतश्तरी"
ReplyDeleteश्री रविंद्र श्रीवस्तव ( रवि रतलामी जी)
ReplyDeleteआलोक
ReplyDeleteravi ratlami
ReplyDeleteआपने ये तो बताया ही नहीं कि अनुभव में वरिष्ठ या कि आयु वाले वरिष्ठ...)
ReplyDeleteI am agree with Pt. D.K Shrma. lakin phir phi...apne Shastri
ReplyDeletej philps ji
वेब दुनिया के अंतर्जाल के लेखक और कुछ लेख
ReplyDeleteआलोक तोमर
ReplyDeleteबहुत मुश्किल है ...
ReplyDelete'Mansik Hulchul' (I don't want to be diplomatic....)
ReplyDeleteकोई नारी तो नहीं ही है तो फिर आप द्वारा यह सवाल ही क्यों ?
ReplyDeleteवैधानिक चेतावनी: ज़्यादा सवाल पूछना ब्लॉगिंग के लिए हानिकारक है..
ReplyDeleteमैं हूं ना
ReplyDeleteमोहन वशिष्ठ
ye to bahut mushkil hai...
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