सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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March 28, 2009
२००६ से स्कूल मे फीस का एरियर माँगा जा रहा हैं
फीस सबके बच्चो की बढ़ी पर तनखा केवल सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की बढ़ी । प्राइवेट सेक्टर मे सबकी तनखा मे १० % कम हुआ हैं फिर माँ बाप पर इतना बोझ डालने से बच्चो की शिक्षा पर फरक पड़ेगा । २००६ से स्कूल मे फीस का एरियर माँगा जा रहा हैं जिसके कारण तक़रीबन १६०० रुपए महीने की किश्त बन रही हैं । जिनके दो बच्चे पढ़ रहे हैं उनको ३२०० रुपए महिना एरियर का देना हैं । अगर किसी की तनखा २०००० रुपए महिना है तो वो किस प्रकार से इस किश्त को भरेगा ??
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आपने बहुत खूब लिखा है .
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