सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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मैं मूलत: दो तरह के ब्लाग पढता हूँ: १) जिनमें देश के विकात की बातें लिखी हों, और २) जिनमें कुछ हास्य-व्यंग्य हो. बाकी सब कभी-कभी पढ लेता हूँ, लेकिन समय की अक्सर कमी ही रहती है. राजनैतिक चिट्ठों को तभी पूरा पढता हूँ जब बात दलों की नहीं मुद्दों की होती है. कविताएँ मेरे पल्ले नहीं पडती, लेकिन दोहे और शेर पढ लेता हूँ. मुझे फोटो देखना बहुत अच्छा लगता है, इसलिये फोटो वाले ब्लाग हमेशा देखता हूँ.
ReplyDeleteबस जी इतना ही है कहने के लिये! :)
रचना जी इस जिन्दगी मै सभी को बहुत गम है.... मै तो कुछ फ़ुरसत के समय बस मजा लेने के लिये यहां आता हूं, थोडा बहुत मजाक किया, थोडा दुसरो ने किया, चाय का कप खत्म फ़िर सब अपने आप मै मस्त, मुझे यहां आ कर लगता है जेसे पुराने दोस्तो मै आ गये... लोगो से अपने गम बांटॆ, खुशियां बांटी, कुछ अपनी कही , कुछ दुसरो की सुनी... बस अच्छा लगता है, सामने जो भी हो सब अपने लगते है, किस जात का किस धर्म का किस लिंग का इस से कोई फ़र्क नही,
ReplyDeleteसब कुछ पढना चाहते है, जो अच्छा हो
धन्यवाद
मैं हिंदी ब्लॉग पर अच्छे विचारोत्तेज़क लेख पढना पसंद करता हूँ, जिसमे हिंदी शुद्ध हो.. राजनीतिक ब्लॉग से मुझे नफरत है, और वैसे ब्लॉग को मैं पढना चाहता हूँ जिसमे तर्कों की कसौटी से किसी बात को रखा गया हो..
ReplyDeleteजो अच्छा हो जिसे पढ़्ने से मन को तृप्ति मिले, या कह सकते हैं कि अपने दिमाग को खाना मिले बस वही ब्लाग पढ़ते हैं। जो लिंक सामने दिख जाती है उसीमें से अपने दिमाग को चारा खिला देते हैं।
ReplyDeleteमैं यदि नेट पर हूँ तो कोशिश करता हूँ कि गंभीर विषय पर लिखे गए पोस्ट को जरूर पढूं .टिप्पडी भी दूँ यह आवश्यक नहीं लेकिन हाँ यदि लेखनी और विषयवस्तु मैं दम है तो टिप्पडी अपने आप सृजित होती जाती है .....
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगिंग पर एग्ज़ॅक्ट्ली जो मिल रहा है उसको छोड़कर जो बचता है वो मैं खोज रहा हू.. रही पढ़ने क़ी बात तो विषय कैसा भी हो मुझे अच्छा लेखन हमेशा से पसंद है..
ReplyDeleteअच्छा लिखा हुआ मुझे पसंद है फिर वो चाहे किसी से भी सम्बंधित हो
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
कुछ ब्लोग तो follow करते है तो नियमित पढ़्ते है... बाकी जहाँ नजर रुक जाये..
ReplyDeleteरचना जी बहुत ही अच्छा सवाल दाग दिया आपने। ये बात तो कभी हमने सोची भी न कि हम ब्लोगिंग में क्या खोजते हैं बस अब तक तो यही था कि जो भी नई पोस्ट आई पढी अच्छी लगी तो वाह वाह और किसी की पोस्ट बुरी लगने का तो सवाल ही नहीं क्योंकि उसके लिए पहले अपने आप में कुछ होना चाहिए लेकिन अपने पल्ले तो कुछ भी नहीं इसलिए किसीको बेकार कह नहीं सकते। हमारा यहां पर आने का मकसद केवल और केवल यह है कि ब्लॉगिंग आज बहुत अच्छे से अच्छा व्यक्ति कर रहा है और सबके विचार सबकी लेखनी पढकर अपना ज्ञान बढाना है। हर चीज पसंद है सिवाए मां का लाडला बिगड गया के
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