मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

March 31, 2009

फिर बहस नहीं होगी बल्कि एक सार्थक बातचित होगी अपने अपने मतों के साथ अपने अपने ब्लॉग पर ।

ब्लॉग एक डायरी हैं फिर कमेंट्स पाकर इतनी खुशी क्यूँ होत्ती हैं ?? क्या आप को ऐसा नहीं लगता कि किसी कि डायरी को पढ़ कर अगर हम कमेन्ट करते हैं तो हम उसकी निजता को भंग कर रहे हैं । या क्या ब्लॉग लेखन बना ही कमेंट्स करने के लिये हैं ।
इस पोस्ट क्या आपकी टिप्पणी पोस्ट पर होती हैं या आप कि टिप्पणी नाम और उससे जुडे परसेप्शन पर होती हैं
को पढ़ कर दो प्रबुद्ध पाठको ने बात को अपने ब्लॉग पर ले जाकर पोस्ट बनाई और उसको आगे बढाया । व्यक्तिगत रूप से मुझे ये तरीका ही सही लगता हैं हैं कि अगर कमेन्ट करना हैं तो उसको पोस्ट मे अपने ब्लॉग पर डाला जाए और बात को आगे बढाया जाए बिना किसी कि निजता पर प्रहार किये .
अपना ब्लॉग भी सक्रिये रहेगा और बात भी आगे बढ़ती रहेगी क्युकी हर ब्लॉग का एक विशेष पाठक वर्ग जरुर हैं जो अगर मुझे नहीं पढता हैं तो उन दो पाठको कि प्सोत को तो जरुर पढेगा जिसका वो विशेष वर्ग हैं ।


पहली पोस्ट का लिंक

दूसरी पोस्ट का लिंक

अगर ब्लोगिंग मे मेरा निज का कोई उद्देश्य हैं यानी किसी मुद्दे पर बात करना तो उस उद्देश्य को ज्यादा से ज्यादा लोग तक इसी विधि से पहुचाया जा सकता हैंफिर बहस नहीं होगी बल्कि एक सार्थक बातचित होगी अपने अपने मतों के साथ अपने अपने ब्लॉग परना जाने कितने सामाजिक मुद्दे होते हैं जिन पर हम बात करके अपने ही मन कि ग्रंथियों को खोलना चाहते हैं पर वक्त कि कमी के कारण एक दूसरे से मिलना नहीं होताब्लोगिंग से देश , समाज , जाती और लिंग कि सीमाए ख़तम हो गयी हैं

आज चर्चा मे भी इसी पोस्ट का जिक्र देखा बात आगे बढ़ी और बढाए

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