सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
March 14, 2009
IPL क्यों होना चाहिये ?? नहीं होना चाहिये .
मुझे लगता हैं IPL नहीं होना चाहिये . बहुत पैसा और समय लोगो का नष्ट होता हैं . सारा सारा दिन टीवी के आगे लोग समय व्यर्थ करते हैं और बिजली का खर्चा भी बहुत होता हैं एक तरफ़ हम बिजली संकट की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ इस तरह का अप्वय करते हैं । और आश्चर्य हैं की क्रिकेट को इतना ज्यादा महत्व दिया जा रहा है और इस समय जब बाकी देश दुसरे देशो के लोगो को नौकरी से हटा कर अपने देश के लोगो को नौकरी पर रख रहे हैं । हमारे देश मे लाखो कड़ोड़ो रुपया दुसरे देश के खिलाड़ियों को दिया जा रहा हैं ।
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आप बिलकुल ठीक कह रही हैं। नहीं होना चाहिए। नहीं होगा तो कोई आसमान नहीं फट जाएगा।
ReplyDeleteaddiction is addiction.... also these sitcoms and soaps should be banned which distanced women from productive activities like reading and socializing.
ReplyDeleteab inconvenienti
ReplyDeleteyou have been gracious enough to inform me that cricket is for men !!!
you need to sit with my mother to see how she can reconize each and every face of the crickter etc . i was merely talkin about wasting time and money on foriegn players where as you are talking about what should be banned for waman to make them what you want .
sitcoms and soaps is industry where we pay our artist to entairtain us where as in IPL the major share is going to foriegn players
good to know you and your mother recognizes most faces of cricket. does your mother also know most Indian women cricket team members by face? even watches women WC matches religiously, for that matter?
ReplyDeletecricket and soccer are games invented by men for their leisure, developed by men, requires physical and mental abilities in which men have edge. cricket is a 100% male dominated arena. in which women and women teams are marginalized. do you see any female cricketing icon
i can't get why women label women cricket as 'dull and slow'.
as for sitcoms are productive (!)... 1 hour entertainment should be enough for everyone, beyond that, it is utter time-waste.
In my personal view, work, sleep and socialization should be sole forms of entertainment for adults. Work and learning is fun, more the batter!
i think you have not read the post
ReplyDeletei hve not written one single owrd about like or dislike for a particular game
neither have i said i recognise crickters
you are trying to give your point of view of cricket , woman and sitcoms
where as i merely said about an event called IPL . where lot of money is at stake and benefit is for foreign players
why creat a hue and cry over an issue which is no where in the post
Very good question. IPL is only a part of cricket . Questions may be revised like, should cricket be given so much importance. Among 250 countries in the world only 15-20 countries have spare time to play cricket and India is a leader of cricket in the world. Here is my 2 articles on cricket.
ReplyDeletehttp://suntel.110mb.com/4%20-%20Cricket.htm
http://suntel.indiademocracy.org/article/profileArticle