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उफ़ अभी और कितने भांगो मे बटेगा
बेचारा हिन्दी ब्लॉगर
बांटो बांटो ,
देश बांटा
समाज बांटा
यही कमी रह गयी थी
अब अभिव्यक्ति के माध्यम
को भी बांटो
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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श्श्श्श्श! चुप रहिए.. यहाँ सब यही करते है
ReplyDeleteधीरे धीरे बोलिए कोई सुन न लें वरना .......बबाल बखेडा न हो जाए हा हा
ReplyDeleteविचार भिन्नता गलत नहीं, मगर किसी एक उद्देश्य के लिए अनेकता में एकता जैसा मंत्र होना चाहिए.
ReplyDeleteभई, ब्लागजगत भी समाज का ही एक प्रतिबिम्ब बन चुका है......जो वहां,वो यहां
ReplyDeleteताज्जुब है! इस तरह सोचने की मुझे अब तक नहीं सूझी!
ReplyDeleteकोई बात नहीं। जिसे जो कहना हो, कहने दीजिए। ब्लागर तो 'स्टार फिश' हैं जिसे काटने पर प्रत्येक अंश स्वतन्त्र स्टार फिश बन जाता है।
जितना अधिक वर्गीकरण, उतना ही विस्तार।
आदमी की फितरत है ये।
ReplyDeleteक्या कहें ।
ReplyDeleteअब ये सब यहाँ भी शुरू हो रहा है ।
आप अम्मा ब्लॉगर भूल गईं। नानी ब्लॉगर भी और ऐसे ही अन्य वर्गीकरण !
ReplyDeleteघुघूती बासूती
ऐसा हमें यहाँ कुछ भी नज़र नहीं आता साहब। यहाँ सभी सिर्फ़ ब्लागर ही हैं । चश्मधुँध को साफ़ करने की ज़रूरत है।
ReplyDeleteआपने एक केटॆगरी छोड़ दी - मसिजीवी ब्लागर ।
ReplyDeleteलोग तो अबजोँ के हिसाब से हैँ दुनिया मेँ
ReplyDeleteहिन्दी ब्लोग जगत भी
हर तरह के जीवोँ से भरा पडा है -
लोग अभिव्यक्त करेँ
मगर सही और प्रेरणादायक लिखेँ ..
व्यक्तिगत स्तर पर ना ही उतरेँ -
दूसरोँ की भावनाओँ की कद्र करेँ ...
इतनी सभ्यता भी बरतेँ ..
- लावण्या
जितना बाटेंगे उतना बढेगे , ब्लोगेर तो ज्ञान की तरह है बाटने से बढता है घटता नहीं .
ReplyDeleteअभी अभी हम इंटलेक्चुअल ब्लागर से मिल कर आ रहे हैं:)
ReplyDeleteबात तो बड़ी कड़वी कह दी भाया
ReplyDeleteBhai ye bhi bata dijiyea ki aap kis ksherni main aate hain?
ReplyDeleteAur main?
:)
:)
ReplyDeleteलगानी भूल गये थे
क्या बेकार की बात कर रहे है जी ? केवल दो कैटेगरी के ब्लोगर होते है १. पंगेबाज ब्लोगर
ReplyDelete२. नान पंगेबाज ब्लोगर
यानी हम और बाकी सब . समझ गये ना ?
क्या बात है
ReplyDelete