किसी कि हर बात केवल और केवल इस लिये मान लेनी चाहिये क्युकी उसकी कि उम्र ज्यादा हैं और उसका का अनुभव भी ज्यादा हैं ।
क्या आप भी यही मानते हैं ?
क्या उम्र मे जो कम हैं उनको बहस और संवाद का अधिकार नहीं होना चाहिये ?
क्या अनुभव ना होने पर संवाद और बहस का अधिकार किसी को नहीं हैं ?
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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लोकतंत्र में सभी को बहस करने और विचार अभिव्यक्त करने की पूर्ण आजादी है .
ReplyDeletesabhi ko aazadi hai .....bade aur chhote se anubhav ka itna koi khaas naata nahi
ReplyDeleteउचित सम्मान के साथ किसी से भी चर्चा की जा सकती है।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
हाँ कुछ बुजुर्गो की बात चुपचाप मान लेनी चाहिए वरना वो अशिष्टता की हद पार कर देते है..
ReplyDeleteबुजुर्गों की बात माननी चाहिए पर साथ ही कम उम्र के लोगों की भी बात सुननी चाहिए ।
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