हर बार बी जे पी को ही वोट दिया हैं पर इस बार नहीं दूंगी क्योकि नहीं चाहती अडवाणी प्रधान मंत्री बने । कांग्रेस को बिल्कुल नहीं देना चाहती , कभी नहीं दिया । बीएसपी को भी नहीं देना चाहती और मुलायम सिंह को दिया तो कंप्यूटर भी घर से उठा ले जायेगे सो उनको भी नहीं दे सकती ।
आप बताये किसको वोट दूँ ?
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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जाना और बिना
ReplyDeleteबटन दबाए या
मोहर लगाए
वापिस चली आना
रचना ऐसी कि
वे गिनते थक जाएं
और वोट आपका
जाकर भी किसी
गिनती में न आए।
वैसे किसी को भी
वोट न देने का एक
नया कालम (बटन)
अलग से बन जाए
तो खूब मजा आए
सबसे ज्यादा उसे ही
दबाया जाए और
दब जाएं सारे प्रत्याशी
उस बटन के तले।
जिस पार्टी को हमेशा वोट देती आयी हैं
ReplyDeleteयानी भाजपा को
ये विषय आपने ठीक उठाया जिस पर आपसे बात करना जरूरी समझता हूँ ! आप वोट देने जायं ! पोलिंग आफीसर फर्स्ट से अपनी पहचान स्थापित कराने के बाद पोलिंग आफीसर सेकंड के पास जाकर अमिट इंक लगवाएं -मतदाता रजिस्टर १७ ए जो उसके पास सभी मतदाताओं का नाम दर्ज करने के लिए होता है में अपना हस्ताक्षर करके टका सा जवाब दे दें की आप किसी को वोट नहीं देना चाहती -वह रिमार्क कालम में यही बात लिख देगा ! यह व्यवस्था कानूनी तौर पर आपके माईंड सेट वालों के लिए की गयी है -इसका लाभ उठाएं !
ReplyDeleteyes exercise your right to demand form 17A from polling officer.
ReplyDeleteARVIND MISHRA JEE KA TARIKA TO HAI HEE .VAISE AAPKEE MAZBOOREE SAMAJH ME AATEE HAI .YE MAZBOOREE BAHUTON KE SATH HAI .SHAYAD ISEELIYE LOG VOTE NAHEEN KARTE .
ReplyDeleteप्रत्याशी गर न मिले मत होना तुम वार्म।
ReplyDeleteमाँग के भर देना वहीं सतरह नम्बर फार्म।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
खुद ही चुनाव में खड़े होना चाहिये था। निष्पक्ष उम्मीदवार अक्सर "पेशेवर" उम्मीदवारों से साफ छवि रखते हैं, उनसे बात करके देखिये। यदि पसंद आयें तो उन्हें भी वोट दे सकती हैं।
ReplyDeleteलोकतंट्र है, मर्जी आपकी, बस वोट व्यर्थ न जाए...
ReplyDeleteकिसी को भी दिजिएगा, घर में मत बैठी रहियेगा :)
ReplyDeleteआप की बात से पता ही है कि आप किसको देंगी
ReplyDeleteजब प्रत्याशी ही पसंद का नहीं तो वोट ना दे.. वैसे भी कहते है ना वोट अमूल्य होता है तो फिर इसे किसी भी एरे गैरे के लिए क्यों खर्च करे..
ReplyDeleteमेरे विचार से तो आपको ऎसी किसी पार्टी को वोट देना चाहिए, जिसने अपने चुनाव घोषणा पत्र में महिलाओं को आरक्षण देने का वादा किया हो ..))
ReplyDeleteरचना जी, आप भाजपा को वोट नहीं देना चाहती क्योंकि आप अडवाणी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती. क्या आपको लगता है कि हमारे लोकतंत्र में एक प्रधानमंत्री इतना शक्तिशाली है जो कि सरकार की प्राथमिकताओं को बदल सके? काश ऐसा होता !( हम भी कह पाते कि डाक्टर मनमोहन सिंह सचमुच हमारे प्रधानमंत्री हैं)
ReplyDeleteकांग्रेस को वोट कभी क्यों नहीं दिया, मैं समझ सकता हूँ (हर समझदार व्यक्ति ऐसा ही करेगा)
अन्य दल तो सिर्फ मलाई चाटने के जुगत में ही चुनाव लड़ते हैं.
आप समझदार और पढ़ी- लिखी हैं. अपने फैसले स्वयं करती हैं. यह फैसला भी आप का नितांत निजी विषय है.
वैसे आप अरविन्द जी द्वारा सुझाये विकल्प पर भी विचार कर सकती हैं.
Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" ji
ReplyDeletei am against any type of reservation whether its based on caste or sex .