मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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April 19, 2009

जन साधारण ब्लोगर भी प्रसिद्दि पा सकता हैं बस एक प्रविष्टि भर ले

आज चिट्ठाचर्चा पर एक पोस्ट आयी हैं जिस मे ये लिखा हैं

"भारत के अन्य प्रसिद्ध चिट्ठाकारों की एक सम्यक सूची आप यहाँ देख सकते हैं।"


लिंक पर जा कर देखा तो पता चला महज एक ब्लॉग डायरेक्टरी हैं जहाँ कोई भी जा कर अपना ब्लॉग जुडवाने के लिये संपर्क कर सकता हैं । ये कोई ऐसी सूची नहीं हैं जिस पर नाम आने का मतलब है " प्रसिद्ध चिट्ठाकार " का तमगा दे दिया जाये । ये केवल और केवल भ्रम पैदा करने का तरीका हैं


जो ब्लॉगर अपना नाम प्रसिद्ध चिट्ठाकारों !!!! की सूची मे दर्ज देखना चाहते हो वो इस लिंक पर जा कर अपने ब्लॉग का नाम इस सूची मे जोड़ने का प्रयास कर सकते हैं ।


जन साधारण ब्लोगर भी प्रसिद्दि पा सकता हैं बस एक प्रविष्टि भर ले ऊपर दिये गए लिंक पर जा कर ।

और चर्चा के लिंक से वापस आकर यहाँ कमेन्ट मे जरुर बताये क्या महसूस हुआ और ब्लोग्वानी का पसंद का स्टीकर ऊपर हैं जरुर पसंद करे । मैने तो चर्चा पढ़ कर प्रसिद्दि हथियाने के तरीके सोच लिए हैं । बस आप पसंद पर क्लिक करदे आभार होगा !!

12 comments:

  1. दिन भर लोग बेवकूफ बने ! शुक्रिया !

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  2. सही है... मतलब हुआ प्रसिद्दि बस एक वेब पेज दूर...
    माना आप का ब्लॉग कितना सशक्त है , यह बात आप की प्रसिद्दि के लिए निर्भर करती है , मगर क्या बुरा है आप बस के बलोड लिख अम्बानी , प्रेम जी , लाल कृषण अडवानी सरीखे लोगो की कतार में आ जाए ... http://www.labnol.org/india-blogs/indian-bloggers.html पर हिंदी ब्लॉग में कुछ नाम देखे जो सशक्त लेखन के माहिर है ... उम्मीद है जल्दी उनका नाम भी भारत के प्रभाव शाली लोगो में आएगा ...

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  3. फिर तो इस लिंक पर अपना ब्लॉग जोड़कर कुछ प्रसिद्धि पा ही ली जाय !

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  4. आपकी जानकारी के लिये यह बता दूँ, कि
    आपके दिये दोनों लिंक एक ही साइट, लैबनाल से जुड़ते हैं !
    यह जानकारी अमेज़न वाले खरीद लेतेव हैं, यह उनकी बाजार रणनीति है !

    वैसे मैंने अपने ब्लाग का नाम यहाँ पहले ही जोड़ रखा है,
    भले ही मुझे, चाह न हो सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
    पर थोड़ा सा नाम और किंचित ख्याति कौन नहीं चाहता..
    सबसे फ़िसड्डी ब्लागर के रूप में सही !

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  5. कुछ वैसी ही बात हुई जैसे कुछ सालों पहले, डाक्टरों के बोर्ड और लेटर हेड पर एमबीबीएस की उपाधी के बाद एफ़ आर सी एस, लंदन, भी छपा रहता था। बेचारे मरीज इससे डाक्टर के पास विलायती डिग्री होने का भ्रम पाल उसके यहां भीड़ लगाये रहते थे। जब कि यह कोई डिग्री ना हो कर एक सदस्यता हुआ करती थी।

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  6. अच्छा तरीका बताया जी।

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  7. सही कहा । देखता हूँ । धन्यवाद ।

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  8. अच्छी जानकारी.. प्रसिद्ध ब्लॉगरों का नाम सुनते ही समझ गए थे कि ये अपने बूते की चीज नहीं..

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  9. माना कि यह एक डायरेक्टरी है, लेकिन इसकी सदस्यता एक फार्म भरने-मात्र से नहीं मिलती। मैंने अपने ब्लाग का नाम वहाँ जोड़ा, लेकिन मेरा ब्लाग वहाँ नहीं दिखलाई दे रहा। मेरा ख्याल है कि कोई सुझाये गये ब्लागों को पढ़कर उनके नाम वहाँ जोड़ता होगा। माजरा साफ़ करने के लिये मैंने उस ब्लाग के संचालक अमित जी को ईमेल कर दी है। जवाब आने पर बताऊंगा!

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  10. Anil Directory अगर स्वचालित अपडेट नहीं हैं तो टाइमलगता हैं और बहुत बार जो directory बनता हैं वो इसको update ही नहीं करता इसी लिये इस सूची मे कुछ नाम ऐसे हैं जिन्होने एक साल से ब्लॉग भी अपडेट नहीं किया

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  11. रचना जी आप शायद ठीक कह रही हैं। लेकिन ब्लाग को बार-बार अपडेट करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिये। कभी-कभी इंसान के पास लिखने को कुछ भी नहीं होता, और कभी व्यस्तता या रुचि की कमी भी हो जाती है। लेकिन फिर भी उनके ब्लाग के लिंक अंतरजाल पर मौजूद रहते हैं, ताकि लोग उसे बार-बार पढ़कर उसका आनंद उठा सकें। ऐसे ब्लागों को आप "सालाना ब्लाग" भी समझ सकती हैं! :)

    मेरे एक ऐसे ही "ब्लागर" मित्र हैं जो यदा-कदा ही ब्लाग लिखते हैं। साल में मात्र छ: पोस्ट लिखने वाले प्रिय जी का ब्लाग अभी भी महीने के सैकड़ों पाठक प्राप्त करता है। गौर फरमायें: http://merizabani.blogspot.com/हाँ यदि इस विषय पर कोई अपडेट हो तो यहाँ जरूर टिप्पणी छोड़ियेगा, ताकि माजरा तो पता चले!

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