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April 05, 2009

व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता हैं कि मेनका गाँधी ग़लत हैं

माँ बनाने के लिये माँ होना जरुरी नहीं हैं । मायावती के ये शब्द मुझे बिल्कुल सही लगे । और मायावती ने जो मदर टेरसा का उदहारण दिया हैं वो भी सही हैं क्युकी मदर टेरसा जैसी माँ शायद ही कोई दूसरी हो । मायावती ने कही भी ये नहीं कहा कि मै मदर टेरसा जैसी हूँ

मेनका गाँधी का ये कहना कि मायावती माँ नहीं हैं इसलिये माँ का दर्द नहीं समझती किसी भी तरह उचित नहीं है । राजनीती कि बात छोड़ दे और एक आम नागरिक कि तरह बात करे तो मेनका गाँधी कि बात पर मायावती का नाराज होना बिल्कुल उचित हैं ।

हमारे समाज मे हमेशा से विवाहित स्त्री को अविवाहित स्त्री से ऊंचा दर्जा दिया जाता हैं और मेनका गाँधी ने इसी बात का फायदा उठा कर मायावती पर टंच कसा हैं । मेनका गाँधी का विवाहित होना और माँ होना किसी भी तरह से उनकी काबलियत का प्रमाण नहीं हैं

मायावती मे हज़ार बुराईयाँ हैं लेकिन उनका अविवाहित और माँ ना होना उनकी बुराईयों मे नहीं हैं । ब्लॉग पर निरंतर पोस्ट आ रही हैं कि मायावती ने ये कहा वो कहा लेकिन अभी तक किसी ने मेनका के लिये कोई प्रश्न क्यूँ नहीं किया कि उन्होने किस बिना पर मायावती पर टंच कसा ।

व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता हैं कि मेनका गाँधी ग़लत हैं

5 comments:

  1. आप बिलकुल सही हैं, लेकिन राजनीति इतनी मैली हो चुकी है कि वहाँ निजी और राजनैतिक लाभ के लिए हर भावना और भेद का इस्तेमाल किया जाता है।

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  2. संवेदना और अन्तर्स्थित भाव किसी परम्परा अथवा नियम की चारदीवारी से बाहर होते हैं । विवाहित होना काबिलियत की सूचना है, ऐसा नहीं ।

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  3. राजनीति में कब कौन सा सवाल उठेगा ये कहना कठिन है ,कौन सही है -कौन गलत ,आज यह भी राजनीती की रपटीली राहें ही तय कर रहीं हैं .

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  4. मनेका गाँधी माँ पर भी राजनीती कर रही है . जय हो

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  5. आप बिलकुल सही हैं

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