http://bloggarpehchan.blogspot.com/
यहाँ जाए
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
-
▼
2009
(166)
-
▼
April
(25)
- सभी अनाम टिप्पणीकारो को सादर नेह निमंत्रण हैं इस प...
- कभी कभी
- ब्लॉग पोस्ट कितनी लम्बी हो क्या ज्यादा से ज्यादा क...
- आप टिप्पणी क्यूँ देते हैं ?
- आप को ब्लॉगर से साहित्यकार बना दिया गया हैं -- ताल...
- आप उत्तर दे सके तो भी अच्छा हैं अन्यथा आप के मन मे...
- मेरे ब्लॉग पर तिरंगा कैसा दिख रहा हैं ज़रा बताये ता...
- जन साधारण ब्लोगर भी प्रसिद्दि पा सकता हैं बस एक प...
- आप बताये किसको वोट दूँ ?
- गूगल टूल बार मे जीमेल का बटन लगाए
- इंक ब्लोगिंग मेरी माँ की हस्तलिपि मे विनम्र श्रद्...
- आप सबके ईमेल ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत पर दिख रहे हैं ।
- पाश्चात्य सभ्यता अगर इतनी खुली हैं तो जनसँख्या हम...
- हिन्दी ब्लोगिंग मे दो साल पूरे
- वोयारिस्म एक भयंकर बीमारी हैं पढिये और देखिये कही ...
- गूगल के पास मेटा टैग भी हैं जो आपकी साईट को दूसरे ...
- व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता हैं कि मेनका गाँधी ग़लत...
- कभी कभी लगता हैं कि जो ब्लॉगर सबसे ज्यादा विरोध क...
- ज़रा पहचानिये तो
- चित्र देखे आज फिर जवाब के साथ
- अब देखे इस चित्र को कौन कौन पहचानता हैं ।
- आज फिर ब्लॉगर खोज जारी पहचानिये कौन हैं
- कल पूछा था ये कौन हैं पर कोई भी नहीं पहचान पाया ??...
- इन्हे नाम दे
- पहचानिये ये कौन कौन हैं । ब्लॉगर हैं हमारे आपके जै...
-
▼
April
(25)
bhavar
ReplyDeleteये तो मैं हु.. :)
ReplyDeleteमन।
ReplyDeletekush galt jwaab kuch apnae allawa bhi sochey !!!!!!!!!!!
ReplyDeleteApril Fool ... Banayaa kyaa?
ReplyDeleteआशीष कुमार 'अंशु' yae blogger kaa hi photo haen aap pehchannae ki koshish karey
ReplyDeleteRachna
kamaal hi koi jwaab nahin
ReplyDeleteउड़न तश्तरी -टेढ़ी उड़ती हुई. :)
ReplyDeleteमहाशक्ति परमेन्द्र!!!
ReplyDeletesameer kis jwaab ko lock karu ??
ReplyDeleteसमय का पहिया ...!
ReplyDeleteसमयचक्र
ReplyDeleteकुछ भी नहीं समझ में आ रहा है ।
ReplyDeleteपरमेन्द्र पर ही ताला लगा दें तो बेहतर!! :)
ReplyDelete?????????
ReplyDelete