मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

March 16, 2009

उफ़ अभी और कितने भांगो मे बटेगा , बेचारा हिन्दी ब्लॉगर

पुरूष ब्लॉगर , स्त्री ब्लॉगर ,
कनिष्ठ ब्लॉगर , वरिष्ठ ब्लॉगर
हिंदू ब्लॉगर , मुस्लिम ब्लॉगर
शर्मा ब्लॉगर , वर्मा ब्लॉगर ,
मिश्रा ब्लॉगर , श्रीवास्तव ब्लॉगर ,
शुक्ल ब्लॉगर , शाह ब्लॉगर
चमार ब्लॉगर , कहार ब्लॉगर
पोलीमिक्स ब्लॉगर , आउट ऑफ़ बॉक्स ब्लॉगर
बुद्धिजीवी ब्लॉगर , अनपढ़ ब्लॉगर
नारीवादी ब्लॉगर ,पुरुषवादी ब्लॉगर
प्रगतिशील ब्लॉगर , रुढिवादी ब्लॉगर


उफ़ अभी और कितने भांगो मे बटेगा
बेचारा हिन्दी ब्लॉगर

बांटो बांटो ,
देश बांटा
समाज बांटा
यही कमी रह गयी थी
अब अभिव्यक्ति के माध्यम
को भी बांटो

18 comments:

  1. श्श्श्श्श! चुप रहिए.. यहाँ सब यही करते है

    ReplyDelete
  2. धीरे धीरे बोलिए कोई सुन न लें वरना .......बबाल बखेडा न हो जाए हा हा

    ReplyDelete
  3. विचार भिन्नता गलत नहीं, मगर किसी एक उद्देश्य के लिए अनेकता में एकता जैसा मंत्र होना चाहिए.

    ReplyDelete
  4. भई, ब्लागजगत भी समाज का ही एक प्रतिबिम्ब बन चुका है......जो वहां,वो यहां

    ReplyDelete
  5. ताज्‍जुब है! इस तरह सोचने की मुझे अब तक नहीं सूझी!
    कोई बात नहीं। जिसे जो कहना हो, कहने दीजिए। ब्‍लागर तो 'स्‍टार फिश' हैं जिसे काटने पर प्रत्‍येक अंश स्‍वतन्‍त्र स्‍टार फिश बन जाता है।
    जितना अधिक वर्गीकरण, उतना ही विस्‍तार।

    ReplyDelete
  6. आदमी की फितरत है ये।

    ReplyDelete
  7. क्या कहें ।
    अब ये सब यहाँ भी शुरू हो रहा है ।

    ReplyDelete
  8. आप अम्मा ब्लॉगर भूल गईं। नानी ब्लॉगर भी और ऐसे ही अन्य वर्गीकरण !
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  9. ऐसा हमें यहाँ कुछ भी नज़र नहीं आता साहब। यहाँ सभी सिर्फ़ ब्लागर ही हैं । चश्मधुँध को साफ़ करने की ज़रूरत है।

    ReplyDelete
  10. आपने एक केटॆगरी छोड़ दी - मसिजीवी ब्लागर ।

    ReplyDelete
  11. लोग तो अबजोँ के हिसाब से हैँ दुनिया मेँ
    हिन्दी ब्लोग जगत भी
    हर तरह के जीवोँ से भरा पडा है -
    लोग अभिव्यक्त करेँ
    मगर सही और प्रेरणादायक लिखेँ ..
    व्यक्तिगत स्तर पर ना ही उतरेँ -
    दूसरोँ की भावनाओँ की कद्र करेँ ...
    इतनी सभ्यता भी बरतेँ ..
    - लावण्या

    ReplyDelete
  12. जितना बाटेंगे उतना बढेगे , ब्लोगेर तो ज्ञान की तरह है बाटने से बढता है घटता नहीं .

    ReplyDelete
  13. अभी अभी हम इंटलेक्चुअल ब्लागर से मिल कर आ रहे हैं:)

    ReplyDelete
  14. बात तो बड़ी कड़वी कह दी भाया

    ReplyDelete
  15. Bhai ye bhi bata dijiyea ki aap kis ksherni main aate hain?
    Aur main?
    :)

    ReplyDelete
  16. :)
    लगानी भूल गये थे

    ReplyDelete
  17. क्या बेकार की बात कर रहे है जी ? केवल दो कैटेगरी के ब्लोगर होते है १. पंगेबाज ब्लोगर
    २. नान पंगेबाज ब्लोगर
    यानी हम और बाकी सब . समझ गये ना ?

    ReplyDelete

Blog Archive