मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

April 10, 2009

हिन्दी ब्लोगिंग मे दो साल पूरे

कितनी आसान होती ये ज़िन्दगी

पर जीतेन्द्र चौधरी जी ने पहली बार मई २००७ मै हिन्दी ब्लोगिंग की दुनिया से पहला परिचय कराया ।

जाकिर अली 'रजनीश' जी ने प्यार रिश्तो का मुहताज नही होता पर पहला कमेंट दिया

उसके बाद ना जाने कितने ब्लॉग बनाए और मिटाए क्युकी वो मकसद नहीं मिला किसके लिये हिन्दी मे ब्लॉग लिखती फिर एक दिन समीर के ब्लॉग पर सुभाष भदोरिया जी ने लिखा नेट की अधिकतर कवियत्रीयों की रचनायें वज़न से खारिज़ होती है।ओढ़ा हुआ दर्द घनश्याम की लीला का वर्णन बहुत गुस्सा आता है

सीधा सीधा लिंग भेद का मामला था और फिर ऐसे ना जाने कितनो के कमेन्ट कितने ही ब्लॉग पर देखे हर बार आपत्ति दर्ज कराई लोग नाम पर आक्षेप करने लगे , माँ पिता तक के लिये अपशब्द कहे गए और अनाम बन करफिर अपना अनाम ब्लॉग बनाया और हर उस कमेन्ट को जो किसी भी महिला के ख़िलाफ़ लगा उसको डालासुभाष भदोरिया जी की एक निहायत ही बकवास कविता को मेरे आपत्ति करने पर हिन्दी ब्लोग्गर्स ने मिलकर नेट से हटवाया , याहू पर संपर्क करकेउसी दोरान कमलेश मदान से संपर्क हुआ जो आज भी माँ कह कर ही मन को सुख देते हैं

फिर नारी ब्लॉग बनाया और उसके बाद हिन्दी ब्लोगिंग मे कुछ ना कुछ उथल पटल होती ही रही मेरे कमेन्ट से क्युकी शायद मेरे कमेन्ट का सीधा और सपाट होना सही नहीं लगा यहाँ

सुजाता और अनुराधा ने बहुत प्रभावित किया और घुघूती जी की सुन्दरता पर मन मुग्ध हुआ जब उनसे पहली बार ब्लॉग मीट मे मिलीउनका लेखन पढ़ कर बहुत कुछ सीखा । बाकी बहुत सी ब्लॉगर से संबध ईमेल और चैट के जरिये बने जिसमे ममता ने पहली बार कहा की वो मेरे ब्लोगिंग परिवार का हिस्सा हैं और इस नाते से वो दिल्ली आयी हैं तो फोन कर रही हैं मीनाक्षी ने कविताओं पर बहुत ही विस्तार से अपनी समीक्षा भेजी

समीर भी जब भी इंडिया आए उन्होने जरुर फोन पर संपर्क कियायतीश , अमित , दुर्गा जो आज सक्रिये नहीं हैं से बहुत ही सौहार्द पूर्ण सम्बन्ध हैंशास्त्री जी और उनके ब्लॉग ने शुरू मे बहुत ही प्रभावित किया पर फिर उनका लेखन नहीं भाया और तार टूट गए अफलातून जी से मिल कर अपने पापा की याद आयी क्युकी दोनों की फिलोसफी एक सी लगी

स्वपनदर्शी और कवि कुलवंत समय निकल कर घर आये और माँ से मिले , बहुत अच्छा लगा

आज लगता हैं साल बीत गए और मकसद भी पूरा होगयामन मे संतोष हैं की जो मे करना चाहती थी मैने किया । अब आगे क्या ? शायद यहाँ का समय पूरा होगया हैं और किसी रास्ते पर चलना चाहिये । पता नहीं ???

लेकिन आज एक बात मन मे जरुर हैं की वो सब जो मुझे अनाम हो कर अपशब्द लिखते रहे , मेरे निज पर , मेरे कपड़ो पर निरंतर छीटाकशी करते रहे आज क्या वो अपने नाम से इस पोस्ट पर अपना परिचय देगे और मुझे मेरी सारी कमियाँ जो उनकी नज़र मे हैं से अवगत करायेगे

आज कोई कमेन्ट मोदेरेशन नहीं होगा ।

41 comments:

  1. bahut bahut badhaaee .....do warsh pure hone par.....

    ReplyDelete
  2. पहले तो बधाई ... बाद में तारीफ़, हमेशा की तरह कम शब्दों में काफी कुछ कह दिया ...
    जब भी घर आऊँगा आप से जरूर मिलूंगा ...

    ReplyDelete
  3. पहले तो बधाई ... बाद में तारीफ़, हमेशा की तरह कम शब्दों में काफी कुछ कह दिया ...
    जब भी घर आऊँगा आप से जरूर मिलूंगा ...

    ReplyDelete
  4. बहुत अच्छा जी...ढेर सारी बधाइयाँ

    ReplyDelete
  5. आपके व्यक्तिगत ब्लॉग के दो वर्ष पूरा कर लेने पर हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  6. दो वर्ष पूरा कर लेने पर हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  7. दो वर्ष पूरे होने पर बधाई । सब कुछ कितनी सहजता से कह दिया आपने ।

    ReplyDelete
  8. बहुत बहुत बधाई आपको ...

    ReplyDelete
  9. रचना जी, बहुत बहुत बधाई! आप ने बहुत महत्वपूर्ण काम किया है। बिना किसी की नाराजगी की परवाह के लिए। आप ने महिलाओं के आत्मसम्मान की लड़ाई को लड़ा और उस में सफलताएँ हासिल कीं। लेकिन यह क्या कह रही हैं....
    अब आगे क्या ? शायद यहाँ का समय पूरा होगया हैं और किसी रास्ते पर चलना चाहिये । पता नहीं ???

    अभी तो आप ने मंजिल की ओर प्रस्थान बिंदु से पहली सीढ़ी चढ़ी है। अभी तो बहुत सीढ़ियाँ शेष हैं। चलते जाइए। कारवाँ जुड़ता चला जाएगा।

    ReplyDelete
  10. दो वर्ष पूरा करने की बधाई

    ReplyDelete
  11. रचना जी,
    आपने इतनी संघर्ष पूर्ण यात्रा की और उसमे सफल रहीं आपको बहुत बहुत ...बधाई ...अगर कुछ खार मिले तो गम न करें ..यही तो आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं...!!

    आज लगता हैं २ साल बीत गए और मकसद भी पूरा होगया । मन मे संतोष हैं की जो मे करना चाहती थी मैने किया । अब आगे क्या ? शायद यहाँ का समय पूरा होगया हैं और किसी रास्ते पर चलना चाहिये । पता नहीं ???

    ऐसा क्यों...?? अभी हमें आपसे बहुत कुछ सीखना है....!!

    ReplyDelete
  12. दो वर्ष पूर्ण करने पर रचनाजी को बधाई। हर बार ‘अच्छा है- बहुत खूब’ सुनने से कभी नेगेटिव भी सुनने को मिले तो दिल छॊटा नहीं करें, निरंतर, निर्भीक लिखते रहें। शुभकामनाएँ॥

    ReplyDelete
  13. bahut bahut badhai ho , abhi to manzil bahut door hai hamraahi,tere saath ke bina hum ek kadam na chal paayenge.

    ReplyDelete
  14. रचना,
    दो वर्ष पूरे करने पर बधाई। शास्त्रीजी के ब्लाग के साथ नारी मुद्दों पर मेरा अनुभव भी तुम्हारे जैसा ही रहा लेकिन फ़िर भी उनके अन्य प्रयास अत्यन्त सराहनीय हैं।

    तुम्हारी बहुत सी प्रविष्टियों ने उन बातों पर सोचने को नजबूर किया जिन्हें हम ग्राण्टेड मानकर चलते हैं। उम्मीद है आगे भी आप इस प्रयास को जारी रखेंगी। दिल्ली अभी दूर है।

    ReplyDelete
  15. कहते हैं न, "छिपे सियार कभी सामने नहीं आया करते"। इन सब बेनामियों की चिंता छोड़िये, जो आपको सही लगता है, उसके लिये लड़िये।

    ReplyDelete
  16. बधाई हो रचना जी। मुझे याद आ रहा है कि जब आपके ब्लाग को एक स‌ाल हुए थे तब भी शायद मैं टिप्पणी करने आया था।

    ReplyDelete
  17. दो साल पूरा करने पर बधाई। आगे के लिये शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  18. बधाई , दो साल पूरे होने पर .

    ReplyDelete
  19. दो साल पूरे करने की बधाई। लोगों की बात छोड़िये वे तो कुछ भी कहते रहते हैं। आप लिखती चलिये।

    ReplyDelete
  20. दो साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई...अजी छोड़ कर आप कहाँ जाइएगा... आप तो गुमशुदा लोगों को सक्रिय होने की प्रेरणा देती रहती हैं :)

    ReplyDelete
  21. दो साल पूरे करने पर शुभकामनाएं.. यह कारवां यू ही चलता रहे..

    ReplyDelete
  22. खट्टे-मीठे अनुभवों को सहेजता है ब्‍लॉग और आपको इस अहसास के दो साल सहेजने के लि‍ए बधाई।

    ReplyDelete
  23. दो साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई..

    ReplyDelete
  24. बहुत बहुत बधाई

    दो साल पूरे करने पर शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  25. ब्लागिंग में दो साल पूरा होने की बधाई स्वीकार करें.

    लगातार दो साल तक लिखते रहना एक ब्लॉगर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. न जाने कितने लोगों ने इस दौरान ब्लागिंग शुरू की होगी और बंद कर दी होगी. हो सकता है उनमें से वे अनामी, बेनामी वगैरह भी रहे होंगे. लेकिन यह ऐसा ही है कि कन्विक्शन के साथ जो अपना काम करते जाते हैं, उन्हें किसी भी जगह को छोड़ने की ज़रुरत नहीं होती. उन्हें अपनी राह बदलने की ज़रुरत नहीं होती.

    आने वाले दिनों में बहुत सारे मील के पत्थर देखने हैं. ब्लॉग जगत को भी और आपको भी.

    ReplyDelete
  26. वक़्त कितनी जल्दी गुज़रता है पता ही नहीं चलता.. ऐसा लगता है .. कल ही तो ब्लॉग बनाया था..

    ब्लोगिंग में जो गंभीरता होनी चाहिए वो आपकी पोस्ट ऑर टिप्पणियों में कई बार मिलती है..
    बहरहाल बहुत बहुत बधाई..

    ReplyDelete
  27. बढ़ते रहें यूँ ही कदम ,
    सफलता चूमें आपके ,

    हमारी तरफ से बहुत बहुत बधाई ।

    ReplyDelete
  28. प्रेमलता पांडेApril 11, 2009 at 6:38 PM

    बहुत-बहुत बधाई!
    राह बहुत लंबी है पर आपका साहस और हिम्मत अवश्य मंजिल पर ले जाएँगे।
    शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  29. Wonderful ....heartiest congratulations to you !!
    &
    Keep up the good work.

    ReplyDelete

  30. रचना जी, आपको बधाई हो !
    आपको बाद में जाना.. आप खरी खरी कहने से नहीं चूकतीं, यह अच्छा लगा !
    आपमें लड़ने और जूझने का माद्दा है, यह भला लगता है !
    त्रस्त हो रिरियाते व्यक्तित्व ने नारी का बड़ा नुकसान किया है ! आपके सरोकार ज़ायज़ हैं, अब एकांगी दृष्टिकोण ्न रखेंगी.. यह अपेक्षा है !
    आप लम्बे समय तक हम सब का साथ दें, पर सचेतक के साथ सखा भाव भी समानांतर रहना चाहिये, है कि नहीं ?

    सच्चे मन से इतनी तारीफ़ कर दी, अब तो मेरा कहा सुना माफ़ करें..
    वरना क्या साफ़ करना पड़ता है, नौबत ही न आये !

    ReplyDelete
  31. शायद यहाँ का समय पूरा होगया हैं और किसी रास्ते पर चलना चाहिये । पता नहीं ???

    अरे हमने आपकी किसी पोस्ट पर टिप्पणी नहीं की तो इसका यह मतलब तो नहीं कि आप किसी और रास्ते पर चल पड़ो! चलिए अब से हम टिपियाने का ख्याल रखेंगे, लेकिन कोई दूसरा रास्ता मत पकड़ लीजियेगा।

    वैसे अमर जी ने मेरे विचार को सही शब्दों में ढ़ालते हुए ठीक ही लिखा है कि अब एकांगी दृष्टिकोण न रखेंगी.. यह अपेक्षा है ! आप लम्बे समय तक हम सब का साथ दें, पर सचेतक के साथ सखा भाव भी समानांतर रहना चाहिये।

    ReplyDelete
  32. रचना जी आप चोखेरवाली की सबसे सम्माननीय और स्त्री हित की बेहद सजग ब्लॉगर हैं. मैंने बहुत से लेख और तिप्प्निया पढी है जिनसे आपके बारे मैं मेरी तय है कि आप अपने विचार मे बहुत संतुलित हैं. जिन्होंने आपको भला बुरा कहा गालिया दी वो रस्ते के पत्थर भी नहीं कंकड़ सामान होंगे. किसी को भी गाली देना हमारे शब्द ज्ञान की कमजोरी को ही दर्शाता है. हाँ विरोध हो सकता है और हम इसके चलते असहमत होने के लिए सहमत हो सकते हैं. मैं आपके दीर्घ ब्लॉग जीवन की कामना और आपसे अनुरोध करता हूँ कि इसे चलने दे और नए आयाम भी ढूढे. हरि ( ०९८२८०१८५८६ )

    ReplyDelete
  33. रचना जी आप चोखेरवाली की सबसे सम्माननीय और स्त्री हित की बेहद सजग ब्लॉगर हैं. मैंने बहुत से लेख और तिप्प्निया पढी है जिनसे आपके बारे मैं मेरी राय है कि आप अपने विचार मे बहुत संतुलित हैं. जिन्होंने आपको भला बुरा कहा गालिया दी वो रस्ते के पत्थर भी नहीं कंकड़ सामान होंगे. किसी को भी गाली देना हमारे शब्द ज्ञान की कमजोरी को ही दर्शाता है. हाँ विरोध हो सकता है और हम इसके चलते असहमत होने के लिए सहमत हो सकते हैं. मैं आपके दीर्घ ब्लॉग जीवन की कामना और आपसे अनुरोध करता हूँ कि इसे चलने दे और नए आयाम भी ढूढे. हरि ( ०९८२८०१८५८६ )

    ReplyDelete
  34. रचना पहले तो दो साल पूरे होने की बधाई ।
    और ये क्या क्या कह रही हो की.... शायद यहाँ का समय पूरा होगया हैं और किसी रास्ते पर चलना चाहिये ।

    अभी तो हम मिले भी नही और आप कहाँ जाने की बात कर रही है ।

    काहे झटका दे रही हो । :)

    ReplyDelete
  35. आदरणीया रचना जी,

    सर्वप्रथम दो साल पूरा करने पर हार्दिक बधाई ग्रहण करें।
    आपने जिस मिशन पर काम किया है उसका प्रभाव बहुत दूरगामी होने वाला है। इसे बीच रास्ते में छोड़ देने की बात सोचिए भी मत।

    आपकी एक या दो बातों से असहमत होने वाले भी अपने मन के भीतर जरूर सोचते होंगे कि स्त्री जाति के साथ कुछ गड़बड़ तो हुई है जो इस प्रकार की तीखी बातों के रूप में निकल कर आ रही है। इस विचार का प्रभाव उनके व्यवहार और सोच पर पड़े बिना नहीं रह सकता। यही आपकी सफलता का मापदण्ड है।

    यह तो सभी मानेंगे कि रचना जी के बिना हिन्दी ब्लॉगिंग की दुनिया ऐसी नहीं रहती जैसी अभी है।

    इसलिए अपना अभियान जारी रखिए। हम यहाँ आते ही रहेंगे। बौद्धिक असहमति अपनी जगह है लेकिन बौद्धिक चर्या की महत्ता अपनी जगह अक्षुण्ण है। पुनः बधाई।

    ReplyDelete
  36. ब्लॉगिंग में दो वर्ष तक डटे रहने पर बधाई स्वीकारें। लेखनी जारी रखें, ब्लॉग पर भी, ऐसी आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएँ। :)

    ReplyDelete
  37. दो साल पूरे होने पर बधाई। अभी जाने की मत सोचिए। हिन्दी चिट्ठाकारी को अभी सबके योगदान की जरूरत है। कुछ वर्षों में पता चलेगा कि यह किस दिशा में जा रही है।
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete

Blog Archive