मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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July 28, 2011

विवाद

एक दिन एक ईमेल मिली
ईमेल में एक लिंक मिला
लिंक के साथ एक आमन्त्रण मिला
हमारे ब्लॉग पर आये
हमने सोचा चलो हो आये

हम पहुचे
लेख पढ़ा
पढ़ कर सोचा
बुलाया हैं तो
खाली पढने के लिये तो
नहीं ही बुलाया होगा
टिपण्णी भी चाही होगी

सो बिना लाग लपेट के
टिपण्णी दे आये
और सबिस्क्राइब भी कर आये

लौटी ईमेल से सूचना आयी
आप विवाद कर रही हैं
आप समस्या का निदान नहीं चाहती
आप समाज का भला नहीं चाहती
आप का कमेन्ट हटाया जा रहा हैं


मै गयी मैने अपना कमेन्ट खुद ही हटा दिया
फिर ईमेल आई
आप ने कैसे हटा दिया अपनी टिपण्णी को
जिस का जवाब दिया जा चुका था
अब आप की क़ोई टिपण्णी
यहाँ नहीं छपेगी

दिन बदला
मैने फिर इमेल खोली
और फिर
ईमेल मिली
ईमेल में एक लिंक मिला
लिंक के साथ एक आमन्त्रण मिला
हमारे ब्लॉग पर आये


अब बार बार बुलाते हैं
विवाद खुद बनाते है
और ठीकरा
मेरे सिर पर फोड़ते हैं

8 comments:

  1. hahaah , ye bhi khoob rahi . pahle bulao fir mitao , mit gaya to hadkao fir thode din bulao. jordar kavita

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  2. उन्हों ने नेता को बुलाया था। सामाजिक प्राणी को नहीं।

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  3. डोंट वेस्ट योर टाईम इन यूजलेस म्युजिंग्स -इट वोंट कम बैक!

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  4. ब्लॉग जगत की महिमा न्यारी!

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  5. हो सकता है उनके बुलाने का मंतव्य आप समझ नहीं पा रहीं हों.वैसे मुझे कमेन्ट के साथ अपना लिंक देना थोड़ा नागवार-सा गुजरता है क्योंकि थोड़ा पढ़ा-लिखा भी ब्लूगेर आपकी प्रोफाइल तक पहुँच ही जायेगा !
    वैसे इसी बहाने आपको नई 'रचना' मिल गयी और हमें भी !

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